मेरठ।  लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पश्चिमी यूपी की चार सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर अटकलों का दौर जारी है। टिकट के लिए कई दावेदार जोर आजमाइश में लगे हैं। भाजपा ने चार सीटों पर अभी संशय बरकरार रखा है।

कहते हैं कि सियासत ऐसा अजीबोगरीब खेल है कि जिसमें कई चालों को खुद से भी छिपाकर चलना पड़ता है। टिकट वितरण को लेकर भाजपा में यही स्थिति बनी हुई है। मसलन, चुनावी बिसात पर मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर और मुरादाबाद में पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

इन सीटों पर कयास और अटकलों का दौर जारी है। नए नामों की चर्चा सुबह के फूल की तरह दिनभर खिलखिलाती है और शाम को मुरझा जाती है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को दूसरी सूची जारी कर दी। इस सूची में उत्तर प्रदेश को शामिल नहीं किया गया है। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चार होल्ड सीटों पर दावेदारों की धड़कन बढ़ गई हैं।

भाजपा पहली सूची में पश्चिम उत्तर प्रदेश की 14 में से 8 सीटों के प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। बागपत से भाजपा-रालोद गठबंधन से डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। अब मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर और मुरादाबाद के प्रत्याशी घोषित होने हैं।

मुरादाबाद और सहारनपुर भाजपा की हारी हुई सीटें हैं। मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल तीन बार के सांसद हैं। गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह दो बार फतह हासिल कर चुके हैं। दोनों के ही नाम पहली सूची में शामिल नहीं होने के कारण टिकट बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, दलित और पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा चुके हैं। मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान जाट, कैराना से प्रदीप चौधरी और अमरोहा से गुर्जर, गौतमबुद्धनगर से महेश शर्मा को टिकट देकर भाजपा ने तीनों बिरादरी का कोटा पूरा कर दिया है। दलित और पिछड़ा वर्ग का कोटा भी पूरा हो गया है। अब राजपूत और वैश्य समाज के उम्मीदवारों पर ही निर्णय होना है।

अगर गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह की जगह किसी दूसरे राजपूत प्रत्याशी को लाया जाएगा तो मेरठ से वैश्य बिरादरी से ही उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। मेरठ से इस बार तीसरी बार के विधायक अमित अग्रवाल की मजबूत दावेदारी है। उपभोक्ता सहकारी संघ के अध्यक्ष संजीव गोयल सिक्का भी लाइन में हैं। महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज और व्यापारी नेता विनीत अग्रवाल शारदा और हापुड़ से विकास अग्रवाल की भी मजबूत दावेदारी है।

पीयूष गोयल के मुंबई से टिकट फाइनल होने के बाद मेरठ से उनके चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम लग गया है। हालांकि अभी भी अटकलें हैं कि भाजपा मेरठ से बाहरी प्रत्याशी को भी ला सकती है, लेकिन मेरठ के लोग बाहरी प्रत्याशी के पक्ष में नहीं हैं। जिम्मेदार लोग पार्टी के नेताओं से साफ कह चुके हैं कि बाहरी प्रत्याशी को लाया गया तो उसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के टिकट पर समाजवादी पार्टी 15 मार्च को लखनऊ में फिर से मंथन करेगी। इस बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मेरठ के 50 से 60 लोग मिलेंगे। इसके बाद तय किया जाएगा कि मेरठ-हापुड़ लोकसभा से सपा के सिंबल पर कौन लड़ेगा। मंगलवार को भी टिकट को लेकर सपाइयों में मंथन हुआ था।