नई दिल्ली। कोरोना संकट से इतर अब देश में राजनीतिक घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहा है. अगले साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ राष्ट्रपति चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी हलचल शुरू हो गई है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ हुई मुलाकात इसी कड़ी का एक अहम हिस्सा है।
माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर समूचे विपक्ष को साधने में लगे हैं. कोशिश है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार को अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा सके. ज्ञात हो कि प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद करीब तीन बार शरद पवार से मुलाकात की है। बता दें कि साल 2022 में ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा होगा, ऐसे में देश को एक नए राष्ट्रपति की तलाश होगी।
प्रशांत किशोर की कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर विपक्ष एकजुट होता है तो इलेक्टोरल कॉलेज के मामले में सरकार के सामने उसे मजबूती मिलेगी. साथ ही अगर विपक्षी पार्टियों के साथ बीजेडी के नवीन पटनायक आते हैं, तो ये राह आसान होगी। क्योंकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में इस वक्त विपक्षी पार्टियों की सरकार है, ऐसे में यहां से बड़े नंबर मिलने की आस है. सिर्फ ओडिशा ही एक ग्रे एरिया है, जहां नवीन पटनायक पूरी तरह से विपक्षी खेमे में खड़े हुए नहीं दिखाए हैं।
सूत्रों की मानें, तो इस मसले पर प्रशांत किशोर ने नवीन पटनायक, एमके स्टालिन से भी मुलाकात की है. हालांकि, इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई थी। अब मंगलवार को प्रशांत किशोर की राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ हुई बैठक को विपक्ष के बीच जमी बर्फ को पिघलाने वाली कड़ी के रूप में देखा जा रहा है. राहुल गांधी और प्रशांत किशोर की ये मुलाकात दो घंटे से अधिक वक्त तक चली. पीके का मानना है कि अगर विपक्ष एकजुट होता है तो बीजेपी के गेमप्लान को चौपट किया जा सकता है, ऐसे में 2024 के चुनाव से पहले ये फायदेमंद होगा।
ज्ञात हो कि प्रशांत किशोर के ममता बनर्जी, जगन रेड्डी, अरविंद केजरीवाल, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे समेत अन्य नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं. ऐसे में इन्हें साथ लाने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी, लेकिन कांग्रेस को साथ लाना भी ज़रूरी है। मंगलवार को हुई बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी रहे और माना जा रहा है कि सोनिया गांधी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया. प्रशांत किशोर की ओर से कांग्रेस लीडरशिप को एक प्रेजेंटेशन दी गई, जिसमें कांग्रेस को विभिन्न राज्यों की स्थिति को लेकर समझाया गया।