महाकुंभ।  मौनी अमावस्या की रात संगम घाट पर हुए हादसे में महज 12 सेकंड के भीतर 23 लोगों की जानें चली गई थीं। घाट पर बदहवास होकर भीड़ भागी थी और इसी दौरान चपेट में आए 90 लोग जख्मी हो गए थे। घटना का वीडियो सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ है।

एक मिनट दो सेकंड का यह वीडियो 29 जनवरी की रात 1:10 बजे का बताया जा रहा है। वीडियो शुरू होते ही लाखों लोगों की भीड़ संगम नोज की ओर भागती नजर आती है। करीब 12 सेकंड तक लोग बदहवास हाल में एक दूसरे के पीछे दौड़ते नजर आते हैं।

इसके बाद भीड़ की रफ्तार धीमी हो जाती है। कहा जा रहा है कि यही 12 सेकंड थे जिसमें भीड़ की चपेट में आने से 23 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वीडियो के 18वें सेकंड में संगम घाट पर लगा पोल नंबर 12 भी नजर आता है। इसके साथ ही कुछ देर बाद चीखें भी सुनाई देती हैं।

वीडियो में यह तो नजर नहीं आता कि चीखने वाला कौन है, लेकिन आवाज सुनने से यही लगता है कि यह कुछ महिलाओं के चीखने की आवाज है। फिलहाल अधिकारी ऐसे किसी वीडियो के बारे में जानकारी होने से इन्कार कर रहे हैं। अमर उजाला इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

उधर, एक महिला सिपाही का भी वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में वह घटनास्थल पर खड़ी नजर आ रही है और उच्चाधिकारियों से फोर्स की डिमांड कर रही है। वीडियो में वह कहती नजर आ रही है कि यहां कंडीशन बहुत खराब है। हालत बिगड़ती जा रही है, जल्दी फोर्स भेजिए।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने पहुंचे 30 श्रद्धालु अफरातफरी मचने से हुए दो हादसों में मारे गए। मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे अखाड़ा मार्ग के निकट और सेक्टर 18 के मुक्ति मार्ग पर हुए इन दर्दनाक हादसों में 60 श्रद्धालु घायल हैं, जिनमें से 36 एसआरएन अस्पताल में इलाजरत हैं। हादसे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल समेत अनेक हस्तियों ने शोक जताया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम वीडियो संदेश जारी कर रुंधे गले से कहा, श्रद्धालुओं की मौत से बेहद दुखी हूं। प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था और स्थिति को तत्काल नियंत्रित कर लिया गया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की।

महाकुंभ मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण और मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने पत्रकारों को बताया कि मौनी अमावस्या के मुख्य स्नान पर्व को लेकर भारी भीड़ जुटी थी। ब्रह्म मुहूर्त से पहले रात एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर भीड़ का भारी दबाव बना। इससे बैरिकेड्स टूट गए। इसके बाद भीड़ आगे बढ़ी और पहले से ब्रह्म मुहूर्त के इंतजार में संगम घाट के किनारे बैठे श्रद्धालुओं को कुचलते हुए आगे बढ़ गई। इसमें 90 लोग घायल हुए, जिन्हें ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस के माध्यम से हॉस्पिटल पहुंचाया गया। इनमें से 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 घायल हैं।

वहीं, कल्पवासी थाना क्षेत्र स्थित सेक्टर-18 में एक वाहन गुजरने के दौरान धक्कामुक्की में कई महिलाएं जमीन पर गिर पड़ीं। जब तक वह संभल पातीं, भीड़ उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गई। इस घटना में सात की मौत की पुष्टि हुई है। वैभव कृष्ण ने इस बात से इन्कार किया कि घटना वीआईपी प्रोटोकॉल के कारण हुई। उन्होंने कहा, शासन से सख्त निर्देश थे कि 29 जनवरी को कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। इसका पूरी सख्ती से पालन किया गया। घटना के तत्काल बाद सभी शाही अखाड़ों ने प्रशासन के अनुरोध पर अमृत स्नान टालने की घोषणा कर दी। हालांकि, बाद में स्थिति नियंत्रण में आने के बाद अखाड़ों ने दोपहर में अमृत स्नान किया।