मच्छर डेंगू, मलेरिया सहित कई बीमारियां फैलाते हैं। इनसे बचना बेहद जरूरी है। इसके लिए बाजार में मच्छरदानी, मासक्वीटो रिपेलेंट क्रीम, इलेक्ट्रिक डिवाइस और मच्छर अगरबत्तियां आती हैं। ज्यादातर घरों में क्वॉइल, अगरबत्ती या फास्ट कार्ड को सस्ता और आसान उपाय समझकर जलाया जाता है।
वैज्ञानिकों की मानें तो मच्छर भगाने वाली कॉइल से निकलने वाला धुआं सिगरेट के धुएं जैसा ही खतरनाक होता है। सबसे खरतनाक बात यह है कि हम कॉइल जलाकर कमरा भी बंद कर लेते हैं।
ताइवान और चीन की स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि मच्छर भगाने वाली कॉइल में पाया जाने वाला पायरेथ्रिन बहुत खतरनाक होता है। स्टडी में यह दावा भी किया गया था कि बंद कमरे में 1 कॉइल जलाना 100 सिगरेट पीने के बराबर खतरनाक होता है।
में छपी एक स्टडी में भी आशंका जताई गई थी कि लंबे समय तक बंद कमरे में कॉइल जलाने से कैंसर तक हो सकता है। हालांकि इस पर और स्टडीज करने की जरूरत है।
अगर आपके घर में अस्थमा के मरीज, बुजुर्ग या बच्चे हैं तो खासतौर पर मॉसक्वीटो कॉइल जलाने से बिलकुल बचना चाहिए। हालांकि बीमारियों से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है।
मच्छरों से बचने वाले जितने केमिकल वाले उपाय हैं वे सभी हमारे लिए नुकसानदायक हैं। ये हमारी सांस के जरिए शरीर में जाकर धीरे-धीरे हमें बीमार बनाने लगते हैं। केमिकल स्प्रे, धुआं ये सभी हमारे लंग्स के लिए ठीक नहीं।
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