नई दिल्ली: खाड़ी देश कतर में फुटबॉल वर्ल्ड कप शुरू हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कतर ने इसके आयोजन पर कुल 222 अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि खर्च की है। यह रकम भारत और एशिया के दो सबसे बड़े रईसों गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की कुल नेटवर्थ से भी अधिक है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अडानी की नेटवर्थ इस समय 132 अरब डॉलर है जबकि अंबानी की नेटवर्थ 90 अरब डॉलर है। कुल मिलाकर दोनों की नेटवर्थ 222 अरब डॉलर बैठती है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन अडानी दुनिया के रईसों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। देश की सबसे मूल्यवान रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन अंबानी इस लिस्ट में नौवें नंबर पर हैं।
कतर में हो रहा फुटबॉल वर्ल्ड कप अब तक का सबसे महंगा खेल आयोजन है। इसकी शुरुआत 20 नवंबर को मेजबान कतर और इक्वाडोर के बीच मुकाबले से शुरू हुई। फाइनल मुकाबला 18 दिसंबर को होगा। इसमें कुल 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं। कतर को 2010 में फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी मिली थी और तबसे इस देश ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पैसा पानी की तरह बहाया है। इसके लिए छह नए स्टेडियम बनाए गए हैं जबकि दो पुराने स्टेडियमों का कायाकल्प किया गया है। साथ ही खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए भी स्टेडियम बनाए गए हैं। इस पर कुल 6.5 अरब से 10 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है। शुरुआती बोली में इस पर चार अरब डॉलर खर्च होने की बात कही गई थी।
अमेरिकी स्पोर्ट्स फाइनेंस कंसल्टैंसी के मुताबिक कतर ने वर्ल्ड कप के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में 210 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इसमें एयरपोर्ट्स, रोड, इनोवेटिव हब, होटल और बाकी चीजों का विकास शामिल है। केवल दोहा में ही खिलाड़ियों के ठहरने के लिए बनाए गए कॉम्प्लेक्स द पर्ल बनाने पर 15 अरब डॉलर खर्च हुए जबकि दोहा मेट्रो पर 36 अरब डॉलर का खर्च आया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कतर ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर कई साल तक हर हफ्ते 50 करोड़ डॉलर खर्च किए।
इससे पहले फुटबॉल वर्ल्ड कप 2018 में रूस में आयोजित किया गया था। उस पर कुल 11.6 अरब डॉलर का खर्च आया था। उससे पहले साल 2014 में ब्राजील में 15 अरब डॉलर और साल 2010 में साउथ अफ्रीका में 3.6 अरब डॉलर का खर्च आया था। उससे पहले जर्मनी में 2006 में हुए फुटबॉल विश्व कप में 4.3 अरब डॉलर, 2002 में जापान में हुए आयोजन में सात अरब डॉलर, फ्रांस में 1998 में 2.3 अरब डॉलर और 1994 में अमेरिका में 50 करोड़ डॉलर का खर्च आया था।