लखनऊ: कहते हैं कि एक सफल आदमी के पीछे औरत का ही हाथ होता है. हालांकि एक सफल महिला के पीछे भी एक आदमी का ही हाथ होता है. यह कहावत लखनऊ के रहने वाले आर्मी से रिटायर्ड कर्नल बजरंग सिंह के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है. उन्‍होंने आर्मी से रिटायरमेंट के बाद अपनी पत्नी आशा सिंह के साथ राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतनी मैराथन जीती हैं कि दुनिया भर में यह जोड़ी बेहद मशहूर हो गई है.

इस जोड़ी के पास लगभग 300 से ज्यादा मेडल और 100 से ज्यादा ट्रॉफी हैं. 64 वर्षीय बजरंग सिंह और 58 वर्षीय आशा सिंह जब इस उम्र में भी अपने से 15 और 20 साल छोटे एथलीटों को मैराथन में हरा देते हैं, तो सब हैरान हो जाते हैं. यही वजह है कि इस सुपरहिट जोड़ी को देखकर कई लोग डरते भी हैं और कई लोग उनके हौसले को तोड़ने के लिए उन्हें ताने भी मारते हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि इस उम्र में अब आराम करना चाहिए. हालांकि सभी तानों को नजरअंदाज करके यह जोड़ी लगातार आगे बढ़ रही है और विदेश में देश का नाम रोशन कर रही है.

कर्नल बजरंग सिंह ने बताया कि आर्मी से 2014 में उनका रिटायरमेंट हो गया था. फिर और दो साल के लिए उन्होंने आर्मी ज्वाइन की थी. पुणे में उनकी आखिरी पोस्टिंग रही. वहां पर दोनों सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक करते थे. किसी ने सलाह दी कि आप दोनों वॉक तो करते ही हैं. फिजिकली फिट भी हैं तो आप दोनों मैराथन में हिस्सा लें. फिर 10 किलोमीटर की उस मैराथन में दोनों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. यहीं से सफर शुरू हुआ. इसके बाद फुल मैराथन होनी थी, जिसमें बजरंग सिंह ने आशा सिंह को मना कर दिया था. यह सोच कर कि शायद वह न कर पाएं. इस मैराथन में बजरंग सिंह को पोडियम मिला था. फिर हैदराबाद में जब मैराथन हुई तो उसमें आशा सिंह ने फुल मैराथन करके जीत हासिल की थी.