लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों सभी राजनैतिक दलों नें अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिये अपनी पूरी ताकत लगा दी है. जिसके चलते एक ओर जहां केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पश्चिमी यूपी में ताबड़तोड़ दौरे कर बीजेपी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं, तो वहीं सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशियों के समर्थन में RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने भी आज गुरूवार से चुनावी रैलियां शुरू कर दी है. लेकिन इस बीच राजधानी लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बीजेपी और सरकार पर जमकर निशाना साधा। साथ ही 31 जनवरी को एक बार फिर से सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रर्दशन करने का ऐलान भी कर दिया.

किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा कि ‘आज किसान सरकार से संतुष्ट नहीं है. किसान मंहगी बिजली, गन्ने के बकाये का भुगतान न होने और अपनी फसलों को आधे रेट पर बेचने की मजबूरी से दुखी है. हमने पिछले 22 जनवरी 2021 को भारत सरकार से बात की थी, लेकिन बीते 1 साल से किसी किसान को कुछ नहीं मिला. जिसके चलते भारत सरकार के खिलाफ 31 जनवरी को हम एक बार फिर से पूरे देश भर में DM, DC और SDM के यहां प्रदर्शन करेंगे. क्योकि सरकार ने किसानों से किये गये सभी वायदों को अब तक पूरा नहीं किया है. जो MSP कानून की गारंटी के लिये कमेटी बननी थी, न तो उसे बनाया गया, और न ही दिल्ली समेत पूरे देश में दर्ज मुकदमें वापस किये गये.’

किसान नेता राकेश टिकैत ने बीजेपी नेताओं द्वारा जाटों को साधने की कवायद पर बोलते हुए कहा कि ‘किसी एक जाति को टारगेट करके उस जाति को बदनाम नहीं करना चाहिए. ये बीजेपी के लोग इसी तरह का काम करते हैं. क्या एक जाति से पूरा देश, सिस्टम चलता है, या उसी के आधार पर चुनाव होता है? हिन्दु-मुस्लिम-जिन्ना का मुद्दा खत्म हो गया है, वो पुराना मॉडल था. अब ये मुद्दा इस चुनाव में नहीं चलने वाला. ये चलाना तो चाहते है, लेकिन चल नहीं रहा. ये मुद्दा सरकारी मेहमान की तरह दो-ढाई महीने के लिये प्रवासी पक्षियों की तरह चुनाव के वक्त आया है. ये मार्च में चला जायेगा. जबकि राजनैतिक दलों को विकास और गांव-गरीब के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहिए’

अंत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन से एक बड़ा फायदा ये हुआ है कि अब सभी राजनैतिक दल किसानों की बात करने लगे है. किसान आंदोलन देश में मजबूती से होना चाहिए. क्योंकि अगर आंदोलन और आंदोलनकारी मजबूत रहेगा तो सरकार किसी की भी हो उसकी बात मानी जायेगी. इसलिये चुनाव से अधिक आंदोलन पर ध्यान देना चाहिए. इतना ही नहीं इस दौरान राकेश टिकैत ने विपक्ष के उम्मीदवारों को भी आगाह करते हुए कहा कि वोटिंग के दिन डीएम अपने साथ 15 हजार वोट लेकर मतगणना स्थल पर जायेंगे. सरकारी कर्मचारियों का वोट सरकार अभी से अपने पक्ष में डलवाने का काम कर रही है. इसलिये जिसे चुनाव लड़ना है, उसे इससे बचना होगा.’