नई दिल्ली। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में जारी धरना प्रदर्शन के बीच एक राहत भरी खबर भी आ रही है। यह संभावना एक बार फिर प्रबल होती दिखाई दे रही हैकि संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध खत्म हो सकता है और बातचीत फिर शुरू हो सकती है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने ताजा बयान में कहा है कि अगर केंद्र सरकार बातचीत के लिए आमंत्रित करती है तो किसान इसके लिए तैयार हैं, लेकिन वार्ता वहीं से शुरू होगी, जहां खत्म हुई थी।

रविवार को भाकियू की तरफ से जारी बयान में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ बातचीत वहीं से शुरू होगी जहां 22 जनवरी को समाप्त हो गई थी। मांगें भी वही हैं कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए और एमएसपी के लिए कानून बनाया जाए।

कुलमिलाकर शर्तों में भी कोई बदलाव नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा का अड़ियल रवैया जारी है, ऐसे में शायद ही किसानों और केंद्र सरकार के बीच कोई पुल बातचीत का पुल तैयार हो पाए।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर राकेश टिकैत नाराज

इससे पूर्व दिन में कुंडली बॉर्डर के आंतिल चौबीसी खाप की ओर से बुलाई गई बैठक में पहुंचे राकेश टिकैत ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के उस बयान पर नाराजगी जताई थी कि किसान आंदोलन खत्म करें तो सरकार वार्ता के लिए तैयार है। राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर संयुक्त किसान मोर्चा के सलाहकार नहीं हैं, जो सलाह दे रहे हैं।

मांगे माने जाने तक नहीं खत्म होगा किसान आंदोलन

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन किसी सूरत में खत्म नहीं होगा। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए बनाए गए हेलीपैड को किसान खोद देंगे और उसकी ईटों से धरनास्थल पर घर बनाएंगे।

इस अहम बैठक में संयुक्त मोर्चा के किसान नेता डॉ. दर्शनपाल, योगेंद्र यादव व बलबीर सिंह दल्लेवाल के अलावा खाप प्रमुख हवा सिंह आंतिल के नेतृत्व में खाप के अन्य प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने यह बयान दिया।

इसी साल जनवरी के अंतिम सप्ताह में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का नाम उनके आंसू बहाने के कारण पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ आंदोलन में मुखर तौर पर उभरा है। दरअसल, 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा ने माहौल पूरी तरह उनके खिलाफ कर दिया था।