मुंबई: कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट XE का पहला मामला मिलने का भारत सरकार ने खंडन किया है. इस नए वेरिएंट से एक मरीज के संक्रमित होने की रिपोर्ट आने के कुछ घंटे बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया कि, फिलहाल मौजूदा साक्ष्य से यह स्पष्ट नहीं होता है कि सैंपल में इस वेरिएंट की मौजूदगी है. वहीं बीएमसी का कहना है कि बुधवार को की बैठक में उन्होंने आगे की जांच के लिए सिक्वेंसिंग डेटा NIBMG को भेजने के लिए कहा है ताकि XE वेरिएंट की पुष्टि की जा सके.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि, पहले केस की रिपोर्ट के बाद बताया कि, सैंपल की फाइलें, जिन्हें XE वेरिएंट बताया गया है उनकी जीनोमिक एक्सपर्ट ने गहराई से जांच की. इससे यह पता चला कि इस वेरिएंट का जीनोमिक संविधान XE वेरिएंट की जीनोमिक तस्वीर से संबंधित नहीं है.

वहीं बीएमसी के अधिकारी ने बुधवार को कहा कि, कोविड-19 के अति संक्रामक वेरिएंट XE का पहला मामला मुंबई में सामने आया है. फरवरी में साउथ अफ्रीका से मुंबई आई एक महिला में ओमिक्रॉन वेरिएंट के इस सब वेरिएंट की पुष्टि हुई है. इस महिला में किसी तरह के लक्षण नहीं थे और अब वह स्वस्थ हो चुकी है.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि ब्रिटेन में पहली बार मिला ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट कोरोना वायरस के पिछले वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. WHO ने अपने लेटेस्ट अपडेट में कहा कि XE रीकांबिनेंट (BA.1-BA.2) नाम के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहली बार ब्रिटेन में 19 जनवरी को पता चला था और तब से इसके 600 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है.

इस बीच टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी ने कोविड-19 के नए म्यूटेंट को लेकर देश के नागरिकों से नहीं घबराने का आग्रह किया है. इसके साथ ही संस्थान ने नए वेरिएंट XE के विकास पर बारीकी से नजर रखने को भी कहा है.