मेरठ: यदि आप नादिर अली बिल्डिंग में रह रहे हैं और रैपिड रेल के लिए हो रही सुरंग की खुदाई से इमारत में आई दरारों को लेकर भ्रम में हैं तो बिल्कुल बेफिक्र हो जाइए। आप पूरी तरह से महफूज हैं। रैपिड रेल से लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों तक ने साफ कर दिया है कि इमारत को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
दरअसल, रैपिड के लिए इन दिनों दिल्ली रोड पर नादिर अली बिल्डिंग के आसपास सुंरग की खुदाई का कार्य चल रहा है। इस खुदाई के चलते इमारत के एक हिस्सें में दरार आ गई थी। इसे लेकर यहां रह रहे लोगों में दहशत व्याप्त थी।
इस बिल्डिंग के मुतवल्ली फाइज आफताब के जनसम्पर्क अधिकारी प्रदीप कुमार जोशी व अयाज अहमद ने बताया कि यह इमारत 1937 में बनकर तैयार हुई थी और 1941 से इस बिल्डिंग में किरायेदारी शुरू हो गई थी, जोकि आज तक जारी है। उन्होंने बताया कि जब यह बिल्डिंग बनी थी तभी नौचंदी मैदान के पास नादिर अली महल भी बनाया गया था वो भी आज तक मजबूती के साथ खड़ा है।
इस बिल्डिंग में कुल 34 परिवार रहते हैं, जो कि किराएदार हैं। इस बिल्डिंग की जमीन कैंट बोर्ड की है और यह 99 साल के पट्टे पर दी गई है। इमारत की छतोें की यदि बात करें तो इसके कुछ हिस्से पर लेंटर है तो कुछ डाट की छतें हैं।
अयाज अहमद के अनुसार यह बिल्डिंग वक्फ है और यह वक्फ ‘अलल औलाद एग्जेम्पटेड सेकेंड’ है। गौरतलब है कि इसके अलावा वक्फ अलल खैर व वक्फ अलल औलाद भी होता है। बकौल अयाज अहमद वक्फ अलल औलाद एग्जेम्पटेड सेकेंड के तहत वक्फ से होने वाली आमदनी का हिस्सा इसके लाभार्थियों के लिए होता है।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का मानना है कि इमारत भले ही पुरानी है, लेकिन इमारत को देखकर फिलहाल कोई आशंका व्यक्त करना बेकार है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता व सहायक जनसूचना अधिकारी इं. मनोज कुमार ने बताया कि इमारत की कंडीशन को देखकर कहा जा सकता हैै कि अभी इसे किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई आशंका नहीं है।
रैपिड रेल के लिए हो रही सुरंग की खुदाई के दौरान नादिर अली बिल्डिंग में आई दरारों का जायजा लेने मंगलवार को एनसीआरटीसी के अधिकारियों व कर्मचारियों की एक टीम नादिर अली बिल्डिंग में पहुंची और गहनता के साथ पूरी जांच पड़ताल की। इस दौरान अधिकारियों ने दरारोें को देखा और स्पष्ट किया कि इन दरारों को भरने का कार्य विभाग द्वारा करवाया जाएगा।
गौरतलब है कि सुरंग की खुदाई के चलते नादिर अली बिल्डिंग में आई दरारों से संबधित समाचार को दैनिक जनवाणी ने अपने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर छपते ही एनसीआरटीसी के अधिकारियों में खलबली मच गई और आनन फानन में अगले दिन सुबह ही विभागीय टीम नादिर अली बिल्डिंग जा पहुंची।
टीम को वहां रहने वाले डा. यूसुफ कुरैशी व शहजाद कुरैशी ने मकान में आई दरारों को दिखाया। एनसीआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि वो जहां दरारें आई हैं उन्हें विभाग द्वारा अपने स्तर से ठीक कराया जाएगा।
एनसीआरटीसी के एक अधिकारी राजीव चौधरी ने बताया कि जहां जहां पर भी हम काम करते हैं। वहां पूरी सावधानी बरतते हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी इस प्रकार की खुदाई की जाती है और यदि वहां पुराना निर्माण है तो सारी स्थिति से क्षेत्रवासियों को अवगत करा दिया जाता है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि घबराने की जरुरत नहीं है, सब कुछ ठीक है और जिस स्थान पर दरारें आई हैं उन्हे दिखवाया जा रहा है और विभागीय खर्चे पर ही इन्हें दुरुस्त करवाया जाएगा।