गोरखपुर। महानगर की सड़कों पर अनधिकृत रूप से खड़ी प्राइवेट बसें नहीं दिखेंगी। बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन के आसपास तथा पैडलेगंज सहित सभी प्रमुख चौराहों से डग्गामारी समाप्त होगी। जाम से छुटकारा मिलने के साथ लोगों की राह आसान होगी। डग्गामार करने वाली प्राइवेट बसें अब रोडवेज के अधीन संचालित होंगी। डग्गामारी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए शासन ने प्राइवेट बसों को रोडवेज से अनुबंधित करने की योजना तैयार की है।
नई व्यवस्था को लागू करने के लिए शासन ने परिवहन निगम और परिवहन विभाग के अधिकारियों को दो माह की कार्य योजना तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही प्राइवेट बस मालिकों के साथ बैठक कर उनकी काउंसिलिंग करने के लिए भी निर्देशित किया है। ताकि, मालिकों के सहयोग से बसों को विभिन्न रूटों के लिए अनुबंधित किया जा सके। परिवहन निगम और विभाग ने अनुबंध से पहले की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
जानकारों का कहना है कि शासन की यह पहल बेहतर है। रोडवेज को पर्याप्त बसें मिल जाएंगी। बस मालिकों को भी निर्धारित आमदनी की राह खुल जाएगी। लेकिन डग्गामारी करने वाली 70 से 80 प्रतिशत प्राइवेट बसें जर्जर हालत में हैं। एक तो पहले से ही अनुबंधित बसें जर्जर हैं, ऊपर से प्राइवेट बसों का अनुबंध कोढ़ में खाज का काम करेगा।
दरअसल, गोरखपुर सहित लगभग सभी प्रमुख शहरों में डग्गामारी बढ़ गई है। गोरखपुर में ही रेलवे स्टेशन के सामने वाली सड़क से लगायत पैडलेगंज चौराहा और कचहरी बस स्टेशन के सामने प्राइवेट बसों का कब्जा रहता है। जाम के चलते लोगों का आवागमन तो प्रभावित होता ही है, प्रदूषण भी फैलता है। गोरखपुर डिपो प्रशासन ने 74 डग्गामार को चिन्हित किया है। लाख प्रयास के बाद भी रोक नहीं लग पा रही है। गोरखपुर परिक्षेत्र में करीब 755 में से 285 बसें अनुबंधित हैं।
प्राइवेट बसों को अनुबंध की श्रेणी में लाने के लिए शासन का दिशा-निर्देश मिला है। बस मालिकों के साथ बैठक की जा रही है। कार्य योजना बनाने की भी तैयारी चल रही है। – पीके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक- परिवहन निगम।