
मॉस्को : दुनिया में अगर किन्हीं दो देशों के बीच दोस्ती की मिसाल देनी हो तो भारत और रूस इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं। पिछले साल जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ तो आधी से अधिक दुनिया रूस के खिलाफ हो गई लेकिन भारत के साथ उसके संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन अब इस दोस्ती में दरार आती प्रतीत हो रही है। पश्चिमी देश रूस को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ब्लैक लिस्ट’ में शामिल कर आर्थिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग करने का प्रयास कर रहे हैं। रूस ने इसे लेकर भारत समेत अपने मित्र देशों से ‘धमकीभरे लहजे में’ मदद मांगी है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने भारत समेत अन्य देशों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट से बचने में उसकी मदद नहीं की तो वह डिफेंस और एनर्जी डील रद्द कर देगा। एफएटीएफ एक इंटर-गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन है जो ‘अनुचित धन’ से मुकाबला करने के लिए मानक तय करता है। पश्चिमी देश एफएटीएफ पर रूस को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं।
एफएटीएफ ने फरवरी में रूस को निकाय की सदस्यता से सस्पेंड कर दिया था। दूसरी ओर यूक्रेन रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रहा है। फिलहाल इस रिपोर्ट को लेकर भारत और रूस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन रूस की धमकी भारत के लिए खतरे साबित हो सकती है। अगर दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई तो इसका असर कई परियोजनाओं पर पड़ सकता है।
अगर रूस एफएटीएफ में शामिल हुआ तो तेल कंपनी रोसनेफ्ट और नायरा एनर्जी लिमिटेड के बीच सहयोग पर असर पड़ेगा। भारत को रूसी हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात के साथ-साथ डिफेंस सेक्टर में तकनीकी सहयोग भी प्रभावित हो सकता है। रूस की धमकी फरवरी में एयरो इंडिया 2023 प्रदर्शनी में प्रस्तुत नए जॉइंट एविएशन प्रोजेक्ट के लिए रूसी प्रस्ताव, भारत में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहयोग और नॉर्थ-साउथ ट्रेडिंग कॉरिडोर के विकास से जुड़ी कार्गो परिवहन सेवाओं पर रूसी रेलवे के RZD Logistics और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच हुए समझौते के लिए खतरा पैदा करती हैं।
अमेरिका और उसके सहयोगियों ने यूक्रेन में युद्ध के चलते रूस को दुनिया का सबसे प्रतिबंधित देश बना दिया है। प्रतिबंधों के माध्यम से पश्चिमी देश रूस पर पीछे हटने का दबाव बना रहे हैं। लेकिन मॉस्को ने अपनी अर्थव्यवस्था को लगे झटके को भारत और चीन जैसे देशों के साथ संबंध मजबूत करके काफी हद कम कर दिया है। अगर रूस एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में शामिल होता है तो भारत के लिए इसे नजरअंदाज करना और हमेशा की तरह उससे व्यापार जारी रखना कठिन होगा।
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