नई दिल्ली ! साउथ के फेवरेट कपल नागा चैतन्य और सामंथा रुथ प्रभु ने 2 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर अलग होने का ऐलान किया था, जो कि फैंस के लिए काफी शॉकिंग था. अब इनके अलग होने के 7 दिन बाद रिपोर्ट्स में उनकी दोस्त के हवाले से खुलासा हो रहा है कि ‘वो कभी भी अपना परिवार आगे नहीं बढ़ाना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने अबॉर्शन करवा लिया था.

दरअसल, जब से नागा चैतन्य और सामंथा का ब्रेकअप हुआ तभी से दोनों के अलग होने के मामले को लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ रही हैं. ऐसे में मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस मामले को लेकर उनकी एक करीबी दोस्त ने उनका बचाव किया. उन्होंने कहा कि ‘सामंथा रुथ प्रभु शादी के बाद से ही फैमिली बढ़ाने की प्लानिंग कर ही थीं.’

खबरों की मानें तो शाकुंतलम की निर्माता नीलिमा गुना ने एक बयान में खुलासा किया कि ‘पिछले साल जब उनके पिता निर्देशक गुणशेखर गारू और उन्होंने सामंथा को शाकुंतलम के लिए संपर्क किया तो उन्हें ये कहानी पसंद आई थी और वो इसे लेकर काफी एक्साइडेड दिखी थीं. लेकिन, एक्ट्रेस ने उन्हें बताया था कि इसकी शूटिंग जुलाई और अगस्त तक पूरी कर लेना चाहती हैं. क्योंकि अभी वो फैमिली प्लानिंग कर रही हैं.’

नीलिमा गुना के हवाले से कहा ये भी जा रहा है कि ‘उनकी टीम की ओर से सामंथा को विश्वास दिलाया गया था कि प्री-प्रोडक्शन और प्रॉपर प्लानिंग की वजह से पूरी शूटिंग तय समय में कर पाएंगे औक किसी तरह की कोई टेंशन नहीं होगी. जैसे ही एक्ट्रेस ने ये सारी बात सुनी थी तो उन्हें बहुत खुशी हुई थी.’ बताया जाता है कि इस दौरान सामंथा ने उनसे ये भी कहा था कि ‘ये उनकी आखिरी फिल्म होगी और इसके बाग वो लंबा ब्रेक लेना चाहती हैं और अपने बच्चे को दुनिया में लाना चाहती हैं.’

इसके अलावा सामंथा ने भी बीते दिन अपना एक स्टेटमेंट इंस्टा स्टोरी पर जारी किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘मेरी पर्सनल लाइफ की क्राइसिस में आपके इमोशनल लगाव ने मुझे अभिभूत कर दिया. मेरे साथ सिंपेथी दिखाने और मेरे खिलाफ फैलाई जा रही अफवाहों के खिलाफ मेरा बचाव करने के लिए आप सभी का शुक्रिया. वे कहते हैं मेरे अफेयर्स थे, मैं कभी बच्चा नहीं चाहती थी, मैं एक ऑपरच्यूनिस्ट हूं और मैंने अपना अबॉर्शन करवा लिया. डिवोर्स अपने आप में एक पेनफुल प्रॉसेस है. मुझे इससे उबरने के लिए समय दे दो. मुझ पर लगातार पर्सनल अटैक किया गया, लेकिन मैं वादा करती हूं कि मैं ऐसा कुछ भी नहीं होने दूंगी जिससे मैं टूट जाऊं’