संभल। संभल में बवाल के बाद पुलिस-प्रशासन का शांति बहाली का प्रयास सफल रहा। रविवार को शहर के बाजार में सामान्य दिनों की तरह काफी चहल-पहल रही। बाजारों में खरीदारी के लिए ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक भी पहुंचे। इसके बाद भी पुलिस-प्रशासन एहतियात बरत रहा है।
शहर में प्रमुख स्थानों और चौराहों पर पुलिस, पीएसी और आरएएफ तैनात है। अधिकारी भी भ्रमण कर लोगों से संवाद कर रहे हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि इस समय शहर में एहतियाती तौर पर चौकसी बरती जा रही है। शहर में नौ कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ की लगी है।
मुरादाबाद मंडल के रामपुर, अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद जिले की फोर्स की भी मुस्तैद है। इसमें एएसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी भी लगाए हुए हैं। इसके अलावा जिले के सभी थानों से फोर्स को अलग अलग शिफ्ट में लगाया हुआ है। एसपी ने बताया कि पुलिस प्रशासन की प्राथमिकता है कि शहर में शांति बहाली कराई जाए।
रोजगार पटरी पर लौटे और आम लोगों के सामने किसी तरह की दिक्कत का सामना न हो। बताया कि इस समय जामा मस्जिद, नखासा तिराहा, हिंदूपुरा खेड़ा में फोर्स तैनात है। इसके अलावा शहर के प्रमुख स्थानों में शामिल शंकर चौराहा, चंदौसी चौराहा, आर्य समाज रोड पर फोर्स तैनात की गई है। अधिकारी भ्रमणशील हैं।
बवाल हुए एक सप्ताह से ज्यादा समय बीत गया है लेकिन बवाल का असर उन इलाके से अभी नहीं खत्म हुआ है जहां बवाल हुआ था। इसमें जामा मस्जिद, नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा इलाका शामिल हैं। इन इलाके में सैकड़ों लोग बवाल के बाद घर छोड़कर चले गए थे। अभी भी ज्यादातर लोग नहीं लौटे हैं। इसमें कुछ उपद्रव में शामिल थे और कुछ ने एहतियाती तौर पर घर छोड़ा है।
24 नवंबर को बवाल में घायल हुए उपद्रवी पहचान छिपाकर जिले से बाहर उपचार करा रहे हैं। पथराव के दाैरान घायल होने पर जिन लोगों का पुलिस ने पकड़ा था, उनका उपचार पुलिस करा रही है। जबकि जो भाग गए, वह छिपकर उपचार करा रहे हैं। संभल में 24 नवंबर की सुबह करीब साढ़े आठ बजे बवाल शुरू हुआ था। जब कोर्ट कमिश्नर सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंचे थे। इस दौरान हाफिजो वाली मस्जिद और मोहल्ला नाला की ओर से भीड़ एकत्र हुई थी। जो बाद में डाकखाने की ओर भी पहुंच गई थी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था। इसमें पुलिस की ओर से भी आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट से उपद्रवियों केा खदेड़ा गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। लाठी चार्ज के दौरान भी चोट लगी थी। जो मौके से घायलावस्था में भागे वह दूसरे जिले या दिल्ली में उपचार करा रहे हैं। वह घायल पुलिस के सामने आना नहीं चाहते हैं। ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें घायल जाते हुए दिख रहे हैं। इन घायलों की जानकारी सरकारी अस्पताल में दर्ज नहीं है। जिला अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक मात्र दो ही लोग भीड़ के घायल हुए हैं। जबकि 19 पुलिसकर्मियों के चोटिल होने का रिकॉर्ड दर्ज है। जाहिर है कि जो घायल हुए वह अस्पताल नहीं पहुंचे और उन्होंने अपने अपने स्तर से छिपकर उपचार कराया है।