संभल। जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल में शामिल मोहल्ला कोटगर्बी निवासी मोहम्मद आमिर अंसारी और इमरान को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियाें को जेल भेजा गया है। एसपी कृष्ण कुमार का कहना है कि उपद्रवियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह पत्थरबाजी करने में शामिल थे।
घटना के बाद वह अलग-अलग शहरों में जाकर छिपे थे। अब घर लौटे तो गिरफ्तार किया गया है। एसपी ने बताया कि उपद्रवियों की पहचान बवाल के दौरान ली गई वीडियो और फोटो के माध्यम से की गई थी। बवाल में शामिल कुल 60 उपद्रवी जेल भेजे गए हैं। जिसमें चार महिलाएं भी शामिल हैं।
वहीं, दूसरी ओर वांछित चल रहे उपद्रवियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जल्द जारी होने वाला है। इसकी प्रक्रिया पुलिस पूरी कराई रही है। एसपी ने बताया कि बवाल के दौरान वीडियो और फोटो लिए गए थे। इनमें चेहरों की पहचान कराई गई। इन्हीं फोटो में गिरफ्तार किए गए दोनाें आरोपी चिह्नित किए गए थे।
जो पत्थरबाजी करते हुए दिखाई दे रहे थे। इसी क्रम में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से जेल भेज दिया गया है। एसपी ने बताया कि अब 89 आरोपी ऐसे हैं जो वांछित चल रहे हैं। उनकी तलाश में टीम लगी हुई है। इन आरोपियों के खिलाफ न्यायालय से गैरजमानती वारंट भी जारी कराए जा रहे हैं।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि पत्थरबाजी के दो आरोपी जेल भेजे गए हैं। अन्य वांछित आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। जो भी बवाल में शामिल रहे हैं वह कहीं भी जाकर छिप जाएं उनकी गिरफ्तारी होनी है। निर्दोष को पुलिस परेशान नहीं करेगी।
बवाल तीन स्थानों पर हुआ था। पहला बवाल जामा मस्जिद के नजदीक हुआ था। जहां पांच लोगों की जान गई थी। दूसरा बवाल नखासा तिराहे पर हुआ था। जहां पुलिस पर पथराव और फायरिंग की थी। इसके बाद हिंदूपुरा खेड़ा में बवाल हुआ था। पुलिस के अधिकारियों पर जानलेवा हमला किया गया था।
इन तीनों ही स्थानों पर पुलिस-प्रशासन की ओर से वीडियो बनाया गया था और फोटो भी लिए थे। एसपी ने बताया कि वीडियो और फोटो के आधार पर 450 चेहरे पहचाने गए हैं। उनकी पहचान के लिए टीम जुटी हुई है। जिससे उनकी भी गिरफ्तारी की जा सके।
चंदौसी शहर इमाम मोहम्मद नाजिम ने कहा कि कुछ लोग और सोशल मीडिया बावड़ी को लेकर अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हाेंने प्रशासन से अनुरोध है कि वह इस तरह के लोगों को बावड़ी तक न आने दें, जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
शहर इमाम ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि मोहल्ला लक्ष्मणगंज में मिली बावड़ी के आसपास जिन प्रापर्टी डीलर ने प्लाॅटिंग की थी। वह सभी दूसरे समाज के थे। इतने दिन से बावड़ी को अस्तित्व में लाने का कार्य किया जा रहा है। किसी मुस्लिम ने कोई विरोध नहीं किया है।
बताया कि बावड़ी पर वर्ष 2017 में पौधारोपण किया गया था। वह अशोक के पेड़ आज भी लगे हैं। मुस्लिम समाज को इससे कोई सरोकार नहीं है, लेकिन अब कुछ लोग मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं कि मुस्लिम समाज बावड़ी पर मस्जिद बनाना चाह रहा था।
कहा कि चंदौसी को चांद सी रहने दें। माहौल बिगाड़ने की कोशिश न करें। चंदौसी की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल दूर-दूर तक दी जाती है। भाईचारे की मिसाल पर दाग लगाएं। प्रशासन से भी अनुरोध है कि वह इस तरह के लोगों को बावड़ी तक न आने दें, जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।