संभल। संभल की जामा मस्जिद के पास हुए बवाल में जो कुछ हुआ उसे खबरों व सोशल मीडिया के जरिये सबने देखा। अब इस बवाल के बाद जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनका दर्द देख पाना किसी के लिए आसान नहीं है। घंटों चले बवाल के दाैरान हुई पांच मिनट की गोलीबारी पांच परिवारों को जिंदगीभर का दर्द दे गई। तमाम तरह के आरोपों के बीच एक पहलू यह भी है कि किसी बूढ़ी मां को अपने बेटे व किसी मासूम को अपने पिता का इंतजार है। बदहवास परिजन दरवाजे की ओर दौड़े जा रहे हैं कि हमारा अपना अब आता ही होगा। पड़ोसी, रिश्तेदार उन्हें दिलासा दे रहे हैं, लेकिन रो-रोकर पथराई आंखें अब भी यह मानने को तैयार नहीं कि उनका इंतजार कभी खत्म नहीं होगा।

मोहल्ला तुर्तीपुरा निवासी मो. कैफ (17) का मरणासन्न अवस्था में एक फोटो रविवार को सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इसमें टी-शर्ट व जींस पहने एक लंबा सा युवक पत्थरों के बीच जमीन पर मृत पड़ा है। उसकी टी-शर्ट पर सीने के पास खून के धब्बे हैं, लेकिन चेहरा स्पष्ट नहीं दिख रहा है। बवाल के बाद यह फोटो सोशल मीडिया के जरिये कैफ के परिजनों के पास भी पहुंचा, लेकिन वह पहचान नहीं पाए कि यह हमारा ही बच्चा है। परिजनों के मुताबिक सुबह 8:30 बजे कैफ प्लास्टिक के आइटम लेकर फेरी लगाने निकला था।

शाम को उसके चचेरे भाई फरदीन के पास फोन आया कि गोली लगने से कैफ की मौत हो गई है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई है। कैफ के मामा वसीम ने बताया कि देर रात कैफ का शव घर पहुंचा और थोड़ी दार बाद ही सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। वह अपने चार भाइयों में तीसरे नंबर का था। परिजनों के मुताबिक उसकी मां लंबे समय से बीमार हैं, अब जवान बेटे की मौत का उन्हें गहरा सदमा लगा है।

जामा मस्जिद से महज 500 मीटर दूर मोहल्ला कोट गर्वी के तबेला इलाके में नईम (35) का घर है। रविवार को बवाल के बीच गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी। देर रात दफन भी हो चुका है, लेकिन रो-रोकर उनकी मां बदहवास हो गई हैं। वह अपना नाम तक नहीं बता पा रही हैं। हर पांच मिनट बाद बेटे को आवाज लगाते हुए दरवाजे की ओर दौड़ पड़ती हैं। कहती हैं ‘मेरे लाल… बुलेट पर आ जाओ। तुझे गए पूरे 24 घंटे हो गए हैं। मेरे बच्चे, तूने रोटी भी नहीं खाई है।’ परिजनों के मुताबिक नईम अपने घर से रोज की तरह अपनी मिठाई की दुकान पर गए थे, फिर शव वापस आया। बदहवास मां कहती हैं कि यह कैसा कारोबार हो गया बेटे, तूने अब तक दुकान बंद नहीं की। मृतक के भाई तसलीम ने बताया कि नईम के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे व एक बेटी है। तीनों की उम्र आठ साल से कम है।

मोहल्ला हयातनगर निवासी रोमान (50) कपड़ों की फेरी लगाने का काम करते थे। परिजनों ने बताया कि रोज की तरह सुबह आठ बजे वह फेरी लगाने घर से निकले थे। जामा मस्जिद के पास मोहल्ला कोट पूर्वी में उनकी ससुराल है। दोपहर 12 बजे वहां से फोन आया कि रोमान अब नहीं रहे। उनके छोटे भाई नोमान व रिजवान बदहवास हालत में वहां पहुंचे। नोमान ने बताया कि भाई के चेहरे पर चोट लगी थी, जैसे वह गिर गए हों।

परिजनों को आशंका है कि भगदड़ में वह गिर गए और चोटिल हो गए। किसी ने उन्हें उठाकर उनकी ससुराल तक पहुंचाया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। नोमान ने बताया कि रोमान के तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा अदनान 22 वर्ष का है, जो मजदूरी करता है। दो बेटे उजैर व हस्सान भी हैं। सबसे छोटी बेटी सहर आठ साल की है। वह अपनी मां से बार-बार रोकर पूछ रही है कि अब्बू कब आएंगे। परिजनों ने रात में ही उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।

25 गज के घर में रिश्तेदारों की की भीड़ है, लेकिन नफीसा की निगाहें अपने लाल अयान को ही ढूंढ रही हैं। 15 साल पहले पति को खोने का गम जैसे-तैसे हल्का हुआ था कि अब बेटे की माैत से वह फिर टूट गईं। बवाल में अपना 17 साल का बेटा खोने वाली नफीसा का दर्द शायद ही कोई समझ सके। कोट गर्वी के मोहल्ला अब्बासी निवासी अयान के चचेरे भाई आकिब ने बताया कि अयान के पिता रिक्शा चलाते थे।

बीमारी के चलते करीब 15 साल पहले उनका इंतकाल हो गया था। उस वक्त अयान करीब दो साल का था। अयान अपने भाई कामिल के साथ होटल पर रोटी बनाने का काम करता था। अयान की बहन रेशमा और नाजिया की शादी हो चुकी है। रविवार सुबह वह घर पर ही था। पता नहीं कब जामा मस्जिद पहुंच गया। फिर उसके जख्मी होने की सूचना आई। इलाज के दाैरान मुरादाबाद के निजी अस्पताल में अयान की माैत हो गई।

भाई बिलाल (22) को बचाने के लिए मोहम्मद अलीम और मोहम्मद सलमान ने संभल से मुरादाबाद तक की दाैड़ लगाई, लेकिन जान नहीं बचा सके। इस बात का दोनों भाइयों को जिंदगीभर मलाल रहेगा। सरायतरीन के झालीजामन वाली गली के रहने वाले अलीम और सलमान ने बताया कि पिता हनीफ फल का ठेला लगाते हैं। परिवार की माली हालत सुधारने के लिए बिलाल ने सुपर मार्केट में लेडीज कपड़ों की दुकान खोली थी। रविवार को बिलाल ने दिल्ली से माल मंगाया था। सुबह ही माल लेकर वह दुकान पहुंचा था। तभी जामा मस्जिद के पास बवाल शुरू हो गया। कुछ ही देर बाद भाई के घायल होने की खबर आई। भाई को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे। हालत बिगड़ने लगी तो बिना देरी किए मुरादाबाद के निजी अस्पताल पहुंच गए। वहां डाॅक्टर के नहीं मिलने पर दूसरे अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी माैत हो गई। चार भाई-दो बहनों में बिलाल तीसरे नंबर का था।

संभल में बवाल के दूसरे दिन सोमवार को शांति के बीच पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल समेत 2500 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। बर्क और सुहेल पर बलवा कराने की साजिश का आरोप है। वहीं तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया। सीओ अनुज चौधरी, एसपी के पीआरओ संदीप कुमार, दरोगा दीपक राठी और शाह फैसल की तहरीर पर संभल कोतवाली में पांच और नखासा थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें 2500 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

उधर, गिरफ्तार तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को लेकर मेडिकल परीक्षण कराने पुलिस संभल के सरकारी अस्पताल पहुंची। अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद मुरादाबाद जेल भेज दिया। बवाल के दूसरे दिन प्रभावित मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। दिनभर पुलिस की गाड़ियां दौड़ती रहीं। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते रहे। उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन से लिए गए फोटो व वीडियो खंगाल रही है।

बवाल में जान गंवाने वाले नईम, बिलाल और कैफ के शवों को पोस्टमार्टम के बाद रविवार देर शाम ही पुलिस ने अलग-अलग कब्रिस्तानों में सुपुर्द-ए-खाक करा दिया था। रोमान के परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम ही शव को दफन कर दिया। बता दें कि रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंचे तो मस्जिद के आसपास भीड़ एकत्र हो गई थी। सुबह करीब साढ़े आठ बजे पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया तो बवाल शुरू हो गया था। इसमें पांच लोगों की जान चली गई थी।