भारत की मेहमानवाजी में सऊदी अरब के प्रधानमंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने वो कह दिया जिसे पाकिस्तान को कभी उम्मीद नहीं रही होगी. सऊदी प्रिंस ने कहा है कि ‘मुल्कों को अपने यहां आतंकवाद को पनाह देने से बाज़ आना होगा. उन्हें ऐसे तमाम संगठनों को खत्म करना होगा. इसके अलावा गुनहगारों को जल्द से जल्द से सजा देनी होगी.’पाकिस्तान पर बहुत पहले से आतंकवादियों को शरण देने के आरोप लगते रहे हैं पर वो हमेशा भारत पर बदनाम करने का आरोप लगाकर बचता रहा है. ओसामा बिन लादेन से लेकर मुंबई हमले के गुनहगारों तक को को पाकिस्तान में शरण देने का आरोप लगता रहा है. लेकिन अब जब खुद सऊदी अरब ने ये बातें कह दी हैं जिसके पैसे के बल पर पाकिस्तान अपने यहां कई दशकों से जेहाद फैक्ट्री चला रहा था तो अब पाकिस्तान के सामने कोई रास्ता नहीं बचता है. दूसरे जब इजरायल जैसा देश खुद अरब देशों के साथ मिलकर यूरोप से अरब होते हुए भारत तक कॉरिडोर बनाएगा तो पाकिस्तान किस मुंह से दुनिया में इ्स्लाम खतरे में है का नारा लगाएगा?
शिया मुल्क ईरान में इस्लामिक क्रांति होने के बाद सऊदी अरब ने सुन्नी बहुल पाकिस्तान में अपना रसूख बढाना शुरू किया. इसके लिए 80 के दशक में वहां के मदरसों और मौलवियों को जमकर फंडिंग शुरू हुई. 1971 में भारत से हार के बाद पाकिस्तान ने इस फंडिंग का इस्तेमाल भारत के खिलाफ एक जेहाद फैक्ट्री खोलने में किया. एक तरफ सऊदी अरब जैसे देश पेट्रो डॉलर के जरिये मुस्लिम उम्मा में अपनी पकड़ बनाने में लगे थे, वहीं पाकिस्तानी हुक्मरान और सेना अपने देश में उन्मादी युवाओं की फौज तैयार करने में जुट गए. जो एक तरफ अफगानिस्तान में रूस से लड़ने में लग गई तो दूसरी तरफ कश्मीर की कथित जंग-ए-आजादी में शामिल हो गई.