मेरठ। कैंट बोर्ड में सफाई कर्मचारियों की संविदा भर्ती में भ्रष्टाचार का बड़ा पर्दाफाश हुआ है। भर्ती कराने के एवज में प्रत्येक अभ्यर्थी से 60 हजार रुपये वसूले जा रहे थे। इस कृत्य को कैंट बोर्ड का सेनेटरी सुपरवाइजर ही कर रहा था। सीबीआइ टीम ने सेनेटरी सुपरवाइजर को 1.10 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया। यह रकम दो अभ्यर्थियों से वसूली गई थी। सीबीआइ कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया।

सीबीआइ टीम ने सोमवार को कैंट बोर्ड के कार्यालय में छापा मारकर सेनेटरी सुपरवाइजर संजय कुमार को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 1.10 लाख रुपये बरामद किए थे। संजय के घर की भी तलाशी ली। टीम कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार के घर भी गई लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद सीबीआइ टीम संजय को अपने साथ गाजियाबाद ले गई थी। सीबीआइ पूछताछ में संजय कुमार ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की संविदा भर्ती में अभ्यर्थियों से रकम वसूली जा रही थी। इसके लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 60 हजार रुपये फिक्स थे।

सेनेटरी सुपरवाइजर संजय दस दिन से सीबीआइ के रडार पर था। अभ्यर्थियों ने संजय से सौदेबाजी करने के बाद सीबीआइ से संपर्क किया। सीबीआइ टीम की योजना के अनुसार ही यह रकम संजय के सुपुर्द की गई। जैसे ही उसने रकम हाथ में ली, टीम ने उसे दबोच लिया। रकम किसने संजय को सौंपी, सीबीआइ ने इस बात को गोपनीय रखा है। माना जा रहा है कि संजय अन्य अभ्यर्थियों से भी मोटी रकम वसूल चुका है। वसूली में कौन-कौन हिस्सेदार हैं, सीबीआइ इसकी भी पड़ताल कर रही है। मुकदमे में विवेचना के दौरान उनके नाम भी उजागर किए जाएंगे।