नई दिल्ली. भारत की सबसे आकर्षक नौकरी भारतीय प्रशासनिक सेवा यानि इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस (आईएएस) है. जिसमें सेलेक्ट होने का सपना तकरीबन हर भारतीय युवक पढाई के दौरान देखता है. हर साल लाखों युवक संघ लोकसेवा आयोग द्वारा संचालित इस परीक्षा में शामिल होते हैं.

इस परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अलावा अखिल भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) जैसी कई अन्य सेवाओं के लिए भी चयन किया जाता है. आईएएस भारतीय ब्यूरोक्रेसी का अभिन्न अंग है.

जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में राज कर रही थी, तब भारत में अंग्रेजों ने इंडियन सिविल सर्विसेज की शुरुआत की-इसे तीन हिस्सों में बांटा गया- अनुबंधित, गैर अनुबंधित और स्पेशल सिविल सर्विसेज. 1893 से इसकी नियुक्ति एक सालाना परीक्षा के जरिए होनी शुरू हुई. 1858 से लेकर 1947 तक ये ब्रिटिश भारत की शीर्ष सिविल सर्विस थी. आईसीएस के लिए आखिरी बार ब्रिटिश नियुक्ति 1942 में हुई.

1919 में भारत सरकार के एक्ट के तहत इस इंपीरियल सर्विस को दो हिस्सों अखिल भारतीय सर्विस और केंद्रीय सेवाओं में बांटा गया. 1946 में तत्कालीन केंद्रीय कैबिनेट ने इंपीरियल सिविल सर्विस (आईसीएस) की ही तरह इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) बनाने का फैसला किया.

आईएएस अफसर संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा संचालित सिविल सर्विस एग्जामिनेशन के जरिए सेलेक्ट किए जाते हैं. कुछ स्टेट सिविल सर्विसेज के पदोन्नत अधिकारी भी आईएएस संवर्ग में शामिल हो जाते हैं. कुछ खास मामलों में इनका चयन गैर स्टेट सिविल सर्विस से भी किया जाता है. सभी आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.

– आइएएस अधिकारी अपने करियर की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी मसूरी में ट्रेनिंग के बाद आवंटित कैडर में जिला प्रशिक्षण से करते हैं.
– फिर राज्य प्रशासन में वो उप जिलाधिकारी (एडीएम) के रूप में काम शुरू कर देते हैं, उन्हें एक जिले या तहसील का प्रभार दिया जाता है.
– अगर एसडीएम की नियुक्ति दी गई तो तहसील की कानून व्यवस्था का काम सौंपा जाता है.
– जिला प्रशिक्षण के बाद आईएएस अफसर तीन महीने के लिए केंद्र सरकार में सहायक सचिव के रूप में कार्यरत होते हैं.
– उसके बाद उन्हें जिलाधिकारी या अन्य नियुक्तियां मिलती हैं.
– आईएएस अफसर सरकारी विभागों या मंत्रालयों में भी भेजे जा सकते हैं. कार्य के दौरान उन्हें डेपुटेशन पर वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मानेट्री फंड, एशियन डेवलपमेंट बैंक, द एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक और यूनाइटेड नेशंस और उसकी एजेंसियों में तैनात किया जा सकता है.

– जब क्षेत्रीय पदों पर तैनात किया जाता है तब एसडीएम या एडीएम, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के रूप में राजस्व के मामलों की कोर्ट बनना. राजस्व इकट्ठा करना.
– कानून और व्यवस्था बनाए रखना.
– केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को ज़मीनी स्तर पर लागू करना.
– क्षेत्र में सरकार के एजेंट के रूप में कार्य करना अर्थात जनता और सरकार के बीच मध्यवर्ती के रूप में कार्य करना.
– संबंधित मंत्रालय या विभाग के मंत्री प्रभारी के परामर्श से नीति के निर्माण और कार्यान्वयन सहित सरकार के प्रशासन और दैनिक कार्यवाही को संभालना.
– केंद्रीय सचिवालय में कैबिनेट सचिव, सचिव, अपर सचिव (अतिरिक्त सचिव), संयुक्त सचिव व राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव/विशेष मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव रहते हुए नीति निर्माण में योगदान देना.

1. उप जिलाधिकारी (जूनियर टाइम स्केल)
2. अपर जिलाधिकारी (सीनियर टाइम स्केल)
3. जिलाधिकारी (जूनियर प्रशासनिक ग्रेड से चयन ग्रेड)
4. मंडलायुक्त (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड से उच्च प्रशासनिक ग्रेड)

1.अवर सचिव (जूनियर टाइम स्केल)
2. उप सचिव (सीनियर टाइम स्केल)
3. संयुक्त सचिव (जूनियर प्रशासनिक ग्रेड)
4. विशेष सचिव (चयन ग्रेड)
5. सचिव (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड)
6. प्रमुख सचिव (उच्च प्रशासनिक ग्रेड)
7. मुख्य सचिव (एपेक्स स्केल)

1. सहायक सचिव (जूनियर टाइम स्केल)
2. अवर सचिव (सीनियर टाइम स्केल)
3. उप सचिव (जूनियर प्रशासनिक ग्रेड)
4. निदेशक (चयन ग्रेड)
5. संयुक्त सचिव (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड)
6. अपर सचिव (उच्च प्रशासनिक ग्रेड)
7. सचिव (एपेक्स स्केल)
8. भारत के कैबिनेट सचिव (कैबिनेट सचिव ग्रेड)

1.जूनियर टाइम स्केल 56,100 से 132000 रुपये
2. सीनियर टाइम स्केल 67,700 से 1.60,000 रुपये
3. जूनियर प्रशासनिक ग्रेड 78,800 से 1,91,500 रुपये
4. चयन ग्रेड 1,18,500 से 2,14,100 रुपये
5. वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड 1,44,200 से 2,18,200 रुपये
6. उच्च प्रशासनिक ग्रेड 1,82,000 से 2,24,100 रुपये
7. एपेक्स स्केल 2,25,000 रुपये
8. कैबिनेट सचिव ग्रेड 2,50,000 रुपये