मेरठ. सूरजकुंड स्थित डूडा कार्यालय का जिलाधिकारी दीपक मीणा औचक निरीक्षण करने पहुंचे। उन्हें यहां लोगों की शिकायतों और अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा। इससे गुस्साए जिलाधिकारी ने परियोजना अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। निर्देश दिए कि दो सप्ताह में कार्यालय की व्यवस्थाएं सुधारे अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने डूडा कार्यालय में जमीन पर फाइलें पड़ी देखी। कार्यालय में आवेदन लेने और शिकायतों के समाधान का कोई व्यवस्थित सिस्टम नहीं मिला। लोगों की भीड़ थी। कोई आवेदन के बारे में पूछ रहा था तो कोई पीएम स्वनिधि योजना के लोन की जानकारी के लिये परेशान था। किसी को प्रधानमंत्री आवास योजना की क़िस्त की जानकारी चाहिए थी। यह देख जिलाधिकारी ने परियोजना अधिकारी आशीष सिंह को दो टूक कहा कि दो सप्ताह में सारी व्यवस्था सुधार लो। ये सब नहीं चलेगा कि लोग शिकायत करते रहे और उनका निराकरण न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायत इसी कार्यालय की आ रही हैं। वसूली की शिकायतें आ रही हैं।

परियोजना अधिकारी से पूछा कि शिकायतों पर जेई को नोटिस जारी क्यों नहीं करते। लोगों को अपात्र करने का कारण क्यों नहीं पूछते। वेबसाइट पर सब कुछ अपडेट क्यों नहीं करते। क्या किसी ने पारदर्शी व्यवस्था बनाने से रोका है। हर मामले की जांच कराने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि आम आदमी कार्यालय से संतुष्ट होकर जाए। आवेदन लो और आवेदक को पर्ची दो। आवेदन नम्बर भी दो। ताकि शिकायत आये तो फौरन आवेदक को उसके आवेदन पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी जा सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि आम आदमी तभी शिकायत करता है जब वह व्यवस्था से दुखी हो जाता है। निर्देश दिये कि दो सप्ताह के भीतर प्रत्येक योजना से जुड़े आकंड़े की सीट अपडेट होनी चाहिए। आवेदन कम आ रहे हैं तो कैम्प लगाने का प्रबंध किया जाए। वसूली की शिकायत पर निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने डूडा कार्यालय आये लोगों से बात की। महिलाओं ने शिकायत की कि कार्यालय में लिपिक से लेकर अधिकारी तक टालमटोल करते हैं। सही जानकारी नहीं देते हैं। डेढ़ डेढ़ साल से चक्कर लगा रहे हैं।