मेरठ। मेरठ में कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात की व्यवस्था ना बना पाने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। तीन दिन से दिल्ली रोड भीषण जाम में जकड़ी हुई है। बेगमपुल से लेकर शापरिक्स माल तक सात किमी का सफर तय करने में घंटों का समय लग रहा हैं। घूमते-घूमते सफर भी 20 किमी में तब्दील हो रहा है। उधर, कई जगहों पर पुलिसकर्मियों की अभद्रता के चलते महिलाओं के आंसू तक निकल आए।
एक ही साइड से निकाला जा रहा
बैरिकेडिेंग की वजह से कई कालोनी के लोग तो घरों में ही कैद हो गए हैं। कांवड़ यात्रा को लेकर रूट डायवर्जन से लेकर दोनों ओर के वाहनों को एक ही साइड से निकाला जा रहा है। दिल्ली रोड की स्थिति सबसे बुरी है। यहां तो सभी कट बंद कर दिए हैं। बैरिकेडिंग कर रखी है, जिसके चलते लोग जाम से जूझ रहे हैं। दिल्ली रोड की ओर जाने वाले मार्ग की कालोनियों ब्रह्मपुरी, माधवपुरम, सुपरटेक, सूर्या नगर, शारदा रोड आदि के लोग घरों में कैद हो गए हैं।
आंखों में आंसू भी आ गए
कांवड़ मार्ग और बैरिकेडिंग के चलते कहीं आ-जा भी नहीं सकते। घर से बाहर निकलते हैं, तो पुलिसकर्मियों की अभद्रता झेलनी पड़ रही है। माधवपुरम निवासी विशाल ने बताया कि वह दिल्ली रोड पर आया तो पुलिसकर्मी ने रोक लिया। उसके साथ अभद्रता कर दी। इसी तरह से हापुड़ रोड से बिजली बंबा बाईपास होते हुए बाइक सवार दंपती शापरिक्स माल के पास आया तो पुलिस ने रोक लिया। युवक राहुल जाने का रास्ता पूछा तो सिपाही उलझ गया। उसे भला-बुरा कहने लगा। इस पर पत्नी कविता की आंखों में आंसू भी आ गए थे। ये हालात पूरे शहर के हैं।
वाहनों की कतार नहीं टूटी
रविवार को भी दिल्ली रोड पर जाम का झाम रहा। दोनों ओर के वाहन एक ओर चलने से लोगों ने परेशानी झेली। सड़क की चौड़ाई कम हाेने और वाहनों के दबाव के चलते कतारें लगी रही। आपाधापी में स्थिति बिगड़ती चली गई। कई जगह तो वाहन चालकों में नोकझोंक हुई, तो राहगीरों ने ही व्यवस्था को संभाला। हालांकि पुलिसकर्मी भी वाहनों को चलाते रहे, लेकिन लोगों को राहत नहीं मिली।
बस घूमते रहो, पहुंच तो जाओगे ही
शापरिक्स माल से बेगमपुल तक का सफर करीब सात किमी का है। अमूमन 15 से 20 मिनट का समय लगता है, लेकिन बेपटरी व्यवस्था के चलते दो घंटे का समय और 20 किमी का सफर भी बन रहा है। रविवार को मोहकमपुर निवासी दिनेश कुमार को बाइक से बेगमपुल जाना था। वह टीपीनगर से होते हुए फुटबाल चौराहे पहुंचे तो उनको सिपाहियों ने लौटा दिया गया।
ऐसे पहुंचे घर
इसके बाद वह जैननगर से होते हुए किसी तरह से रेलवे रोड चौराहा पहुंचे तो वह भी बैरिकेडिकंग मिली। पुलिसकर्मियों से जाने देने को कहा तो मना कर दिया। वहां से फिर वापसी हुए और कैंट से होते हुए आबूलेन पहुंचे, जहां बैरिकेडिंग लगी हुई थी। उन्होंने आबू नाले की पटरी पकड़ी और फिर रजबन होते हुए लालकुर्ती से किसी तरह निकले और बेगमपुल पहुंचे। इस दौरान पूरे दो घंटे लगे और करीब 20 किमी चलना पड़ा।