पुलिस को सूचना मिली थी कि स्कीम नंबर 114 में सेक्स रैकेट चल रहा है। पुलिस ने यहां दबिश दी तो यहां से गुरुग्राम की दो युवतियां और रायसेन के करीब सात लड़के मिले। इनसे पूछताछ के बाद पूरे गिरोह का खुलासा हुआ। पुलिस के अनुसार सेक्स रैकेट चलाने वालों ने वेबसाइट बनवाई थी। इसके माध्यम से ही कामकाज चलता था। वेबसाइट को खोलते ही कॉल और मैसेज आते थे। ग्राहक से संपर्क होते ही उसे युवतियों के फोटो भेजे जाते थे। इसके बाद सौदा तय होने पर युवतियों को संबंधित के पास भेजा जाता था। इसमें दलाल के रूप में नीरज का नाम सामने आया है जो पूरी प्रक्रिया करवाता था।
वेबसाइट से तलाशते थे ग्राहक
इंदौर एसपी आशुतोष बागरी के अनुसार वेबसाइट से ही सबकुछ तय होता था। यहीं से सरगना ग्राहक की तलाश करते थे। सौदा पक्का होने पर युवती को कहां व कैसे पहुंचाना है इसकी बात होती थी। गाड़ी और उसके नंबर तक तय किए जाते थे। इंदौर के स्कीम नंबर 114 में फ्लैट किराए से ले रखा था। यहीं से पूरा रैकेट चलता था। पूछताछ के दौरान कुछ लड़कियों ने बताया कि वे दिल्ली में अलग-अलग जगह नौकरी करती थी। वहां उनके साथ शारीरिक संबंध की कोशिश की गई जिसके बाद उन्होंने इस पेशे को पैसा कमाने का माध्यम बनाया। वेबसाइट पर खुद के फोटो डाले जिसके बाद ग्राहकों से संपर्क होता था। वेबसाइट से ही तय होता था कि कहां और किसके पास जाना है। पुलिस अब इस मामले में आगे की कड़ियां तलाश रही है।