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ज्योतिष शास्त्र में शनि के राशि परिवर्तन और नक्षत्र परिवर्तन दोनों ही खास माना गया है. वैसे तो 29 अप्रैल को शनि का राशि परिवर्तन होगा. लेकिन इससे पहले शनिदेव नक्षत्र परिवर्तन करने वाले हैं. शनिदेव की चाल धीमी होती है. इस कारण ये एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में ढाई साल का वक्त लेते हैं. जानते हैं शनिदेव के नक्षत्र परिवर्तन के बारे में.

शनि नक्षत्र परिवर्तन 2022
ज्योतिष के मुताबिक इस वक्त शनिदेव श्रवण नक्षत्र में गोचर की अवस्था में हैं. बीते 22 जनवरी को शनिदेव इस नक्षत्र में प्रवेश किए थे. इस स्थिति में शनिदेव 18 फरवरी तक रहेंगे. साथ ही 18 फरवरी से धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इस नक्षत्र में शनिदेव 15 मार्च 2023 तक रहेंगे.

2022 में कब होगा शनि का राशि परिवर्तन?
आगामी 29 अप्रैल को शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे. इस दिन शनि का गोचर मकर से कुंभ राशि में होगा. शनिदेव कुंभ राशि के स्वामी हैं. कुंडली का शनि जब अशुभ हो तो जातक को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान भी व्यक्ति को सावधान रहकर गलत कार्यों से बचना चाहिए. शनिदेव प्रसन्न करने के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन इनकी पूजा करनी चाहिए.

किन राशियों पर रहेगी शनि की टेढ़ी नजर?
शनिदेव 29 अप्रैल को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इसके परिणामस्वरूप, कर्क और वृश्चिक राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. वहीं मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. बता दें कि शनि के प्रभाव में पहले से मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशियां हैं. कुल मिलाकर 8 राशियां शनि के प्रभाव में आएंगी.