नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने लोन की ब्याज दरें बढ़ाकर अपने करोड़ों ग्राहकों को तगड़ा झटका दिया है. रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद से ही यह तय हो गया था कि अब सभी बैंकों का कर्ज महंगा हो जाएगा. इससे पहले भी निजी और सरकारी क्षेत्र के कई बैंक अपनी ब्याज दरें बढ़ा चुके हैं. अब एसबीआई ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है.
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, सभी टेन्योर वाले लोन की ब्याज दरों में 25 आधार अंक की बढ़ोती हुई है. अब बैंक की एक साल की एमसीएलआर बढ़कर 8.30 फीसदी पहुंच चुकी है. बैंक अपने होम, ऑटो सहित ज्यादातर लोन की ब्याज दरें इसी एमसीएलआर के आधार पर तय करता है. इससे पहले आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी कर प्रभावी रेपो रेट 6.25 फीसदी कर दिया था. आरबीआई के इस फैसले के एक सप्ताह बाद ही एसबीआई ने भी अपना कर्ज महंगा कर दिया है.
बैंक ने छोटी अवधि वाले कर्ज पर भी ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इसमें ओवरनाइट से लेकर 6 महीने तक का समय शामिल है. टेन्योर के लोन का एमसीएलआर अब 7.85 फीसदी से लेकर 8.30 फीसदी तक हो गया है. इसके अलावा दो साल की अवधि वाले कर्ज का कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट 8.50 फीसदी हो गया है, जबकि तीन साल के कर्ज की दर 8.60 फीसदी पहुंच गई है.
एसबीआई ने इस साल जून से अब तक एमसीएलआर में 1.10 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जिसमें दिसंबर में बढ़ाए 0.25 फीसदी की ब्याज दर भी शामिल है. बैंक की ओर से बांटे गए 75 फीसदी लोन फ्लोटिंग इंटेरेस्ट रेट लागू होते हैं. इसमें से भी 41 फीसदी लोन अभी एमसीएलआर से जुड़े हैं. शेष 59 फीसदी कर्ज पर बाहरी बेंचमार्क के रेट लागू होते हैं. बाहरी बेंचमार्क का मतलब है रेपो रेट या ट्रेजरी बिल के रेट से. एमसीएलआर बैंक की आंतरिक लागत से जुड़ी दर होती है.
एसबीआई ने इससे पहले एफडी पर अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया था. बैंक ने विभिन्न अवधि वाली एफडी पर 15 आधार अंक से लेकर 65 आधार अंक तक की बढ़ोतरी की थी. एक साल वाली एफडी पर ब्याज दरें 0.65 फीसदी बढ़ाकर 6.75 फीसदी कर दी है. बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा का कहना है कि अभी एसबीआई के पास 3.5 लाख करोड़ की ज्यादा नकदी है, जिसका इस्तेमाल कर्ज बांटने में किया जाएगा.
चालू वित्तवर्ष में एसबीआई द्वारा बांटे गए कुल कर्ज में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अब यह 30.3 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. बैंक ने इस दौरान जमाओं में भी 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है और कुल जमा बढ़कर 42 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
अगर किसी ने एसबीआई से 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए 8.25 फीसदी पर लिया है तो उसकी मौजूदा ईएमआई 25,562 रुपये होगी, जबकि लोन के पूरे टेन्योर में उसे ब्याज के रूप में 31,34,876 रुपये चुकाने होंगे. अब 25 आधार अंक बढ़ाने के बाद प्रभावी ब्याज दर 8.50 फीसदी हो जाएगी. ऐसे में ईएमआई बढ़कर 26,035 रुपये आने लगेगी. यानी आपके ऊपर हर महीने 473 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा और सालभर में 5,676 रुपये ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी.