नोएडा वेस्ट के जलालपुर गांव मे एक बेटे को मुखाग्नि देकर श्मशान से लौटे पिता ने ख्वाब में भी नही सोचा होगा कि थोड़ी देर बाद उन्हें दूसरे बेटे को भी कंधा देना होगा. लेकिन जो नहीं सोचा था, वहीं हुआ और पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया. जलालपुर गांव मे रहने वाले अतर सिंह के बेटे पंकज की अचानक मौत हो गई. बेटे को मुखाग्नि देकर सभी घर पहुंचे ही थे कि दूसरे बेटे दीपक ने दम तोड़ दिया. वो भी कोरोना से ही जंग लड़ रहा था. जवान बेटों का जनाजा देखने वाली मां पूरी तरफ से टूट गई हैं और लगातार बेहोश हो रही हैं.
जलालपुर गांव में ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 10 दिनों में गांव मे 6 महिलाओं समेत 18 लोगो की मौत हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक 28 अप्रैल को गांव में ये मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था जो अब तक जारी है. इसी गांव में ऋषि नागर की भी अचानक मौत हुई थी और उसी दिन उनके बेटे का भी देहांत हो गया. हैरानी की बात यह है कि गांव में ज्यादातर लोगों की मौत घरों मे हुई है. गांव वालों के मुताबिक सभी को पहले बुखार आया और ऑक्सीजन लेवल घटता चला गया. लगातार गांव मे हो रही मौतों से गांव वाले दहशत में हैं.
अब तो ऐसे हालात हो गए हैं कि बस राज्य बदल रह रहे हैं लेकिन गांवों में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. शहरों में तो सिर्फ अस्पताल में बेड मिलना मुश्किल हो रहा था, गावों में तो अस्पताल का मिलना ही चुनौती है. लोग तड़प-तड़प कर जान दे रहे हैं और स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा. वैसे इस समय यूपी के शहरी इलाकों में कोरोना का संक्रमण कम होता दिख रहा है. राज्य में मामलों में कमी भी इसी वजह से देखने को मिल रही है. लेकिन अब कोरोना ने गांवो में दहशत फैलाना शुरू कर दिया है और जलालपुर जैसी कई घटनाएं होती दिख रही हैं.