नई दिल्ली. श्रद्धा वालकर की 18 व 19 मई को आखिरी लोकेशन महरौली के छतरतुर में थी। 18 मई को श्रद्धा का फोन चल रहा था। इससे फोन किए गए थे और आए भी थे। 19 मई को मोबाइल पर सिर्फ फोन आए थे। महरौली पुलिस ने श्रद्धा के मोबाइल की जो लोकेशन निकाली है उससे ये बातें सामने आई हैं। पुलिस श्रद्धा के मोबाइल को अभी तक बरामद नहीं कर पाई है। आफताब का कहना है कि जून में जब वह मुंबई गया था तो उसने श्रद्धा के मोबाइल को रास्ते में फेंक दिया था। दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आफताब ने पुलिस को बताया था कि श्रद्धा उसे छोड़कर चली गई थी। अब जब दक्षिण जिला पुलिस ने श्रद्धा के मोबाइल की लोकेशन निकाली है तो श्रद्धा के मोबाइल की आखिरी लोकेशन छतरपुर स्थित घटनास्थल वाले मकान के पास आ रही है।
19 मई की रात को उसका मोबाइल बंद हो गया। पुलिस इसे श्रद्धा हत्याकांड में बड़ा परिस्थितिजन्य साक्ष्य मान रही है। ये आफताब को सजा दिलाने में बड़ा साक्ष्य साबित हो सकता है।
आफताब ने अपना मोबाइल सितंबर में बदला था। आरोपी ने पुराना मोबाइल ओएलएक्स पर बेच दिया था और उसी नंबर का सिम लिया था। पुलिस से इस मोबाइल को बरामद कर लिया है।
श्रद्धा के बैंक खाते की डिटेल भी पुलिस को मिल गई है। आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने के बाद खाते से 18 मई को एक बार में उसने 50 हजार व दूसरी बार में चार हजार रुपये अपने खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे।
इसके बाद श्रद्धा के खाते से पैसे नहीं निकाले गए। आफताब घर पर ऑनलाइन कम ही खाना मंगाता था। वह ऑनलाइन बिस्किट, नमकीन व चिप्स ही मंगाता था। हालांकि, वह दोस्तों के साथ बाहर खाना खाने जाता था।
श्रद्धा के दोस्तों, जानकारों व सीनियरों ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि आरोपी आफताब श्रद्धा के साथ बहुत ज्यादा मारपीट करता था। दिल्ली पुलिस ने मुंबई जाकर श्रद्धा के 20 से ज्यादा दोस्तों व जानकारों के बयान दर्ज किए हैं।
दिल्ली पुलिस की एक टीम शुक्रवार शाम तक मुंबई में थी। टीम करीब 15 दिन पहले मुंबई गई थी। अभी भी ये टीम मुंबई में है। पुलिस ने उस मकान मालकिन के भी बयान दर्ज किए हैं, जहां आफताब व श्रद्धा मुंबई में पहले रहते थे।
श्रद्धा हत्याकांड मामले में अगर मुंबई पुलिस समय से कार्रवाई करती तो शायद सिर व धड़ आरोपी आफताब के किराए के घर में फ्रिज में ही मिल जाते। दिल्ली पुलिस को सबूत जुटाने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करनी पड़ी।
मुंबई पुलिस ने आरोपी को हल्की पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया था। मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा। ऐसे में आरोपी आफताब को सबूत को नष्ट करने का समय मिल गया।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जांच में ये बात भी सामने आई है कि मुंबई पुलिस ने आरोपी आफताब को सितंबर में पूछताछ के लिए बुलाया था। इस समय तक श्रद्धा का सिर व धड़ आफताब ने फ्रिज में रखा हुआ था।
पुलिस ने आरोपी को पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया। मुंबई पुलिस आरोपी से तभी सख्ती से पूछताछ करती तो दिल्ली पुलिस को सबूत जुटाने के लिए भटकना नहीं पड़ता।
मुंबई से आने के बाद आरोपी ने 18 अक्तूबर को श्रद्धा का सिर व धड़ छतरपुर के जंगल में फेंक दिया था। इसके बाद ही उसने औजारों को फेंका था।