चंडीगढ़. सजायाफ्ता कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है, लेकिन जानकारों का कहना है कि सिद्धू अगर जेल में अनुशासन में रहकर अच्छा आचरण पेश करते हैं, तो वे जेल से जल्दी बाहर आ सकते हैं. जेल प्रशासन की सिफारिश पर सरकार उन्हें सजा में विशेष छूट दे सकती है. दरअसल जेल अधीक्षक के पास दोषी को सजा से 30 दिन और छूट देने का अधिकार है. यह आमतौर पर घोर अनुशासनहीनता में लिप्त लोगों को छोड़कर, लगभग सभी दोषियों को उदारतापूर्वक दी जाती है. पुलिस महानिदेशक (जेल) या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) को अतिरिक्त 60 दिनों की तीसरी छूट प्रदान करने का अधिकार है, लेकिन यह आमतौर पर असाधारण मामलों में और राजनीतिक सहमति से दी जाती है.

सिद्धू के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान से निकटता के कारण उन्हें इस छूट का लाभ मिलने का एक अच्छा मौका है. सिद्धू विपक्ष के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनसे सीएम भगवंत मान ने हाल ही में बैठक की थी. एक बाहरी संभावना यह भी है कि यदि राज्य सरकार जघन्य अपराधों में जेल में बंद सभी दोषियों के लिए विशेष छूट की घोषणा करती है, तो सिद्धू को और रियायतें मिल सकती हैं.

इसके अलावा सिद्धू को जेल फैक्ट्री में काम करने के एवज में सजा में 48 दिन की छूट स्वत: मिल जाएगी. एक जेल अधिकारी ने कहा कि एक दोषी को प्रति माह चार दिन की छूट मिलती है, जिसमें पहले तीन महीने का प्रशिक्षण भी शामिल है, जहां उसे भुगतान नहीं मिलता है.

उधर सिद्धू के मसले पर सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस संकट के समय में सिद्धू के साथ खड़ी है. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी सिद्धू परिवार के साथ खड़े रहने की बात कही है.