नई दिल्ली. आमतौर पर सोने में निवेश को बेहतर माना जाता है. जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न के लिए लोग म्यूचुअल फंड में भी निवेश करते हैं. क्या आपको पता है कि चांदी आने वाले समय में म्यूचुअल फंड और सोने के मुकाबले कई गुना ज्यादा रिटर्न दे सकती है. अगर इस समय आप चांदी में निवेश करते हैं तो आने वाले समय में यह आपको मालामाल कर सकती है.

दरअसल, भारत समेत दुनियाभर में ब्याज दरें बढ़ने की आशंका है. इक्विटी मार्केट में कभी भी गिरावट आ सकती है. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस साल की तीसरी तिमाही तक कोरोना महामारी खत्म होने के बाद अनिश्चितता कम होगी, जिससे सोने में निवेश घट सकता है. तेजी को देखते हुए लोग चांदी की ओर आकर्षित होंगे.

1.50 लाख पहुंचेगी चांदी, दे सकती है 250 फीसदी रिटर्न
विश्लेषकों का मानना है कि 2022 और अगले कुछ वर्षों तक चांदी में भारी तेजी रहने का अनुमान है. केडिया एडवाइजरी के प्रबंध निदेशक अजय केडिया का कहना है कि इस साल चांदी 80,000 रुपये तक का स्तर छू लेगी. इसके बाद वर्ष 2024 तक यह 1.50 लाख रुपये के स्तर पर पहुंच सकती है. चांदी फिलहाल 61,000 के आसपास है. इस लिहाज से यह इस 33 फीसदी और वर्ष 2024 तक 250 फीसदी तक रिटर्न दे सकती है.

इन वजहों से आ सकती है तेजी
अजय केडिया का कहना है कि जिस हिसाब से मांग बढ़ रही है, उतनी तेजी चांदी के खनन में वृद्धि नहीं हो रही है. 2018-20 तक चांदी का खनन लगातार घटता रहा है. उन्होंने बताया कि ऑटोमोबाइल, सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री से चांदी की अतिरिक्त मांग निकल रही है. यह सालाना आधार पर लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा, अमेरिका ग्रीन टेक्नोलॉजी को सपोर्ट कर रहा है. पर्यावरण के अनुकूल टेक्नोलॉजी में चांदी का ज्यादा इस्तेमाल होता है.

30 फीसदी तक बढ़ सकती है डिमांड
लंदन स्थित सिल्वर इंस्टीट्यूट का दावा है कि पिछले पांच साल से चांदी की वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है. हालांकि, महामारी की वजह से वर्ष 2020 में मांग नहीं रही. इसके उलट, 2017 से चांदी के खनन में लगातार गिरावट आ रही है. सिर्फ 2021 में इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. आंकड़ों के मुताबिक, 2022-24 के दौरान चांदी की मांग में 25-30 फीसदी तक इजाफा होगा. इसके उलट खनन में महज 8 फीसदी तेजी का अनुमान है.