ओडिशा के बालासोर जिले में हुए रेल हादसे से पूरे देश को विलचित है. इस त्रासदी के पीड़ितों की मदद सरकार तो कर ही रही है, साथ ही घटनास्थल के आसपास के लोग भी आगे आ गए हैं. एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, डॉक्टर से लेकर तमाम राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं समेत आम लोगों ने मोर्चा संभाल लिया है. ट्रेन के हादसे वाली जगह पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर अस्पतालों तक में मदद के लिए लोग डटे हैं. इंसानियत की बड़ी मिसाल पेश करते हुए ओडिशा के युवा पीड़ितों की मदद के लिए संसाधनों से लेकर अपना खून तक देने तैयार हैं. यही वजह है कि रक्तदान के लिए बालासोर के अस्पताल में भीड़ उमड़ रही है.
ओडिशा के बालासोर जिले के अस्पतालों से सामने आई तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि ट्रेन हादसे के घायलों को अपना खून देने सैकड़ों स्थानीय युवा कतार में खड़े हैं. अपने अपने वाहनों से पहुंचकर भीषण गर्मी में रक्तदान करने के लिए इंतजार तक कर रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘डॉक्टरों की दो टीमें एम्स भुवनेश्वर से दुर्घटना स्थल बालासोर और कटक के लिए भेजा गई हैं. हम लोगों का अनमोल जीवन बचाने के लिए सभी आवश्यक सहायता और चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं.’ रेलवे की ओर से सोरो मेडिकल यूनिट में घायल यात्रियों को 50000 रुपये की अनुग्रह राशि सौंपी गई.
भारतीय वायुसेना द्वारा राहत और बचाव कार्यों के लिए दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. जमीनी स्तर पर रेलवे अधिकारियों के तालमेल के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है. इसके अलावा कई अतिरिक्त बसों और ट्रेन कोचों का भी इंतजाम किया गया है और फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य की तरफ रवाना किया जा रहा है.
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने ट्रेन दुर्घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘यह एक बहुत ही दुखद घटना है, यह जानमाल का बहुत बड़ा नुकसान है… एनडीआरएफ की नौ टीमें – 300 से अधिक बचावकर्ता (जवान) – एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. यह हमारे इतिहास की तीसरी ऐसी बड़ी घटना है. जिस रफ्तार से तीन ट्रेनें आपस में टकराईं उसके परिणामस्वरूप कई डिब्बे डिरेल हो गए और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.’
भारतीय सेना को घायल नागरिक को रेस्क्यू करने और उपचार में सहायता प्रदान के लिए तैनात किया गया है. एंबुलेंस और सहायता सेवाओं के साथ सेना की चिकित्सा और इंजीनियरिंग टीमों को पूर्वी कमान से तैनात किया गया है. टीमों को कई जगहों से भेजा गया है ताकि घटना स्थल पर जल्द से जल्द पहुंचा जा सके.
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ट्रेन हादसे के बाद पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. पीएम ने इस रेल हादसे की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई है. वहीं दो केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान घटनास्थल पर पहुंचकर हालातों का जायजा ले रहे हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा, ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले हर मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे. रेल मंत्री ने भी मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 2-2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50-50 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
रेल हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ताजा जानकारी के मुताबिक, अभी तक 280 लोगों की मौत हो गई है जबकि 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. कुछ घायल जिनका इलाज चल रहा है, उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
बालासोर में बहानगा बाजार स्टेशन के नजदीक हुए इस भीषण सड़क हादसे को लेकर रेलवे ने जांच कमेटी गठित कर दी है. वहीं, हादसा कैसे हुआ? उसे लेकर प्रत्यदर्शियों के बयान भी सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि आउटर लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी…हावड़ा से आ रही कोरोमंडल ट्रेन (जो कि चेन्नई जा रही थी) 300 मीटर पर पहले डिरेल हो गई. कोरोमंडल ट्रेन का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और कोरोमंडल ट्रेन की पीछे वाली बोगी तीसरे ट्रैक पर जा गिरी और तीसरे ट्रैक पर तेजी से आ रही यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रैक पर गिरी बोगी से टकरा गई.