ठंड के मौसम में शरीर को गरमाई और न्यूट्रिशियन देने के लिए सूप सबसे आसान और बेहतरीन तरीका है। आप बेबी को भी सूप पिलाकर उसके शरीर को हाइड्रेट रख सकते हैं। सर्दी के महीनों में खासतौर पर सूप पिए जाते हैं क्योंकि ये शरीर को गरमाई देने का काम करते हैं। आप शिशु के आहार में भी सूप को शामिल कर सकते हैं।
ये बच्चे को गरमाई देने के साथ-साथ उसे हाइड्रेट भी रखते हैं और पर्याप्त पोषण प्रदान करते हैं। सूप में बेबी के विकास के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व जैसे कि खनिज पदार्थ, कैल्शियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। दाल, सब्जियों, चावल और अनाजों से बने सूप बेबी के विकास में काफी मदद करते हैं। ये पचाने में काफी आसान होते हैं और बेबी के शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं। आप अपने बच्चे को 6 महीने का होते ही चिकन देना शुरू कर सकती हैं। इस लेख में, हमने बच्चों के लिए सर्दियों के सूप के फायदे और दो सूप रेसिपी के बारे में बताया है।
सामग्री – 1 कप कटे हुए पालक के पत्ते, नमक स्वादानुसार, 1 बड़ा चम्मच पनीर। इसे बनाने के लिए आप पालक के पत्तों में नमक डालकर कुछ मिनट के लिए इसे उबालें। ठंडा होने के बाद इन्हें ब्लेंडर में पीस लें। परोसने से पहले प्यूरी को गर्म करें। यदि आप कोई बदलाव करना चाहते हैं, तो आप पालक के नरम स्वाद को छिपाने के लिए आलू, दाल, मकई के दाने और पनीर मिला सकते हैं।
इसके लिए आपको चिकन पीस, जीरा, धनिया के बीज, मसला हुआ अदरक, लहसुन कटा हुआ, प्याज कटा हुआ, टमाटर और हल्दी पाउडर चाहिए। सबसे पहले एक कुकर में घी डालें, जीरा डालें और इसे फूटने दें। इसके बाद धनिया के बीज डालें। लहसुन और अदरक डालकर कुछ मिनटों के लिए भूनें। प्याज को पारदर्शी होने तक भूनें। टमाटर डालकर नरम होने तक भूनें। मिश्रण में थोड़ा हल्दी पाउडर मिलाएं। एक बार चिकन डालने के बाद, एक मिनट के लिए तब तक भूनें जब तक कि पानी उड़ न जाए। इसके बाद 2 कप पानी डालकर 2 से 3 सीटी आने तक पकाएं।
बीमार बच्चे को सर्दी, जुकाम, खांसी, छाती में कफ जमने और बुखार से राहत दिलाने का सबसे असरकारी तरीका है एक कटोरी गर्म सूप पिलाना। लहसुन, मिर्च और हल्दी का सूप खांसी और पाचन विकारों का इलाज करने में कारगर होता है। वहीं तुलसी के पत्ते के साथ टमाटर का सूप भी जुकाम और खांसी का इलाज कर सकता है।
सूप की कैलोरी और पोषक तत्व बच्चों का वजन बढऩे में मदद करते हैं। चावल, दाल और नूडल सूप बच्चे के आहार में कैलोरी और पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं।
आठ महीने से कम उम्र के बच्चे को यह सूप छानने के बाद दिया जा सकता है। 8 महीने से कम उम्र के शिशुओं को ये दोनों तरह के सूप ना पिलाएं।