मेरठ। 11 साल पुराने गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में वारंट जारी होने पर सपा विधायक अतुल प्रधान चार घंटे अदालत की कस्टडी में रहे। अधिवक्ता की तरफ से लगाई अर्जी की सुनवाई के बाद कोर्ट ने वारंट निरस्त किया, जिसके बाद सरधना विधायक वापस लौटे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2011 में बसपा सरकार के शासनकाल में मेडिकल थाने में अतुल प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय ही अतुल प्रधान ने जमानत करा ली थी। मुकदमा ट्रायल पर आने के बाद अतुल प्रधान कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। उसके बाद 2013 में कोर्ट ने वारंट जारी कर दिए थे। इस पर विधायक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।
गुरुवार को सरधना विधायक अतुल प्रधान विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर अधिनियम आरके पांडेय की अदालत में पहुंचे। दोपहर 12 से शाम चार बजे तक विधायक को अदालत की कस्टडी में रहना पड़ा। अधिवक्ता गगन राणा के द्वारा वारंट निरस्त करने की अर्जी दी गई, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने वारंट निरस्त कर दिए। उसके बाद विधायक को कस्टडी से छोड़ दिया गया। विधायक अतुल प्रधान ने बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन कर वारंट रिकाल करा लिया गया है।