वाराणसी।   भागवत कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड की आवश्यकता है। काशी की पावन धरा से आज सनातन बोर्ड के गठन का आह्वान हुआ है। इसका संदेश दूर तक जाएगा। मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाए ताकि तिरुपति जैसा जघन्य पाप दोबारा न हो। इसके लिए सनातन बोर्ड की नितांत आवश्यकता है।

वह रविवार की शाम संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत मंडप में चल रहे नौ दिवसीय सिय पिय मिलन महामहोत्सव में भागवत कथा का प्रवचन कर रहे थे। काशी की महिमा का बखान करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि काशी इस धरती का स्थान नहीं है, यह तो बाबा विश्वनाथ का आनंदवन है।

प्रलय काल में इस अविनाशी काशी को बाबा अपने त्रिशूल पर धारण कर लेते हैं। यही एक नगरी है जो सदा थी, सदा है और सदा रहेगी। वह दिन दूर नहीं जब ज्ञानवापी पर बाबा की कृपा होगी। अब तो मथुरा की भी तैयारी पूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड न होता तो ज्ञानवापी की लड़ाई इतनी लंबी न होती।

कथा श्रवण कराते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जीवन में किसी की सेवा करो न करो, माता-पिता, अपने धर्म और अपने देश की सेवा जरूर करो। इनकी सेवा की तो देवता भी हाथ जोड़कर स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि जिन्हें लगता है कि पुत्र के जन्म लेने से ही उनका सौभाग्य जागृत होगा, उन्हें भागवत सबसे बड़ी सीख देती है। उन्होंने कहा कि कोशिश करें किसी को भी हमारे मन, कर्म और वचन से ठेस न पहुंचे।

श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ विशाल कलश यात्रा से हुआ। कथा के मुख्य संकल्पी अशोक अग्रवाल गुरुकृपा के धूपचंडी स्थित आवास से पूर्वाह्न 11 बजे 108 रजत कलश के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्वी द्वार से होते हुए कथास्थल पर पहुंची। शोभायात्रा वृंदावन के श्रीरामरस महाराज, गौतम बाबा, विशाल दास महाराज, अयोध्या के नरहरि दास महाराज, सिया दीदी के सानिध्य में निकाली गई। शोभायात्रा में मारवाड़ी युवा मंच की स्मिता लोहिया, कविता भालोटिया सहित सुनीता अग्रवाल, उर्मिला अग्रवाल, गरिमा गुप्ता, कनुप्रिया पाण्डेय, रागिनी आदि शामिल रहीं।

कथा स्थल पर कुलपति डॉ. बिहारी लाल शर्मा, मेयर अशोक कुमार तिवारी, उद्यमी आरके चौधरी, दीपक बजाज, पद्माकर मिश्रा, संजय सिंह बबलू, अशोक अग्रवाल, बब्बू उपाध्याय मौजूद रहे। संचालन जयशंकर शर्मा व अशोक मिश्रा ने किया। अंत में व्यासपीठ की आरती लोकेंद्र करवा, राजेश तुलस्यान, राजेन्द्र जायसवाल, उमाशंकर अग्रवाल, अशोक सराफ, रवि बूबना, वेद अग्रवाल ने उतारी।

अंगने में बधईया बाजे…
सिय पिय मिलन महामहोत्सव के तीसरे दिन चल रही रामलीला के क्रम में प्रभु श्रीराम के जन्म की लीला का मंचन हुआ। प्रभु के जन्म पर सबने एक दूसरे को बधाई दी और उत्सव मनाया। लीला में घोड़े का खेल, बंदर मदारी का खेल आदि भी मंचित हुआ। इस अवसर पर अंगने में बधइया बाजे, जायो कौशल्या जी ने लल्ला… आदि बधाई गीत गाए गए। इसके साथ ही अखंड कीर्तन, मानस नवाह्न परायण पाठ एवं प्रभाती मंगल गीत का गायन चलता रहा।

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन के लिए काशी के संतों का आशीर्वाद लेंगे। मैं यहां के सभी विद्वानों से भी यह निवेदन करूंगा कि वह सब हमें आशीर्वाद दें। हमारा साथ दें कि हम सनातनी बोर्ड को बनाने में सफल हों। अगर यहां के विद्वानों कि हमारे पर कृपा हो जाएगी और यहां के सांसद ही हमारे प्रधानमंत्री हैं तो यहां की कृपा से ही सनातन बोर्ड का निर्माण होगा। काशी में मंदिरों से साईं की प्रतिमा को हटाने के अभियान का समर्थन किया।

देवकीनंदन ठाकुर ने बांग्लादेश के घटनाक्रम पर कहा कि वहां जो हो रहा है वह निंदनीय है। पूरे विश्व के सनातनी उसका विरोध कर रहे हैं। बांग्लादेश सरकार ने जो किया बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, उनको सचेत होना चाहिए। वहां एक अलग से हिंदू राष्ट्र का निर्माण होना चाहिए।

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सिय-पिय मिलन महामहोत्सव से उनका जुड़ाव लंबे समय से है। उन्होंने महामहोत्सव की रामलीला में लक्ष्मण की भूमिका निभाई थी और आज भी इस महोत्सव का हिस्सा हूं। सिया दीदी ने बताया कि आज भी देवकीनंदन ठाकुर से हम लोगों का लक्ष्मण वाला ही जुड़ाव है।