लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोरोना वायरस को लेकर लखनऊ में टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक की। उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है।

कोरोना के बीच देश के कई राज्यों में अस्पतालों में आग लगने की घटना घटी। यह हमारी चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का ही परिणाम था कि प्रदेश में ऐसी दुर्घटना नहीं हुई।

प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा की जाए। जहां कमी या गड़बड़ी हो, वहां तत्काल व्यवस्था ठीक की जाए। यह काम अभियान के रूप में तत्काल किया जाना चाहिए।

उन्होंने अफसरों से कहा कि प्रदेश सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अगर आग लगती है तो अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 7 मिनट का रेस्पॉन्स टाइम सुनिश्चित किया जाए। ताकि नुकसान को कम किया जा सके।

मीटिंग में योगी के अलावा उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ​​​​​​, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा,अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए।

136 मरीज स्वस्थ हुए, 371 सक्रिय केस
यूपी में बीते 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 40 नए मरीज मिले। वहीं 136 रोगी स्वस्थ हुए हैं। अब सक्रिय केस घटकर 371 रह गए हैं। संक्रमण अब तेजी से घट रहा है। 1.18 लाख लोगों की और कोरोना जांच की गई। अब तक कुल 10.77 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है।

देश में सबसे ज्यादा कोरोना जांच यूपी में की गई है। अभी तक कुल 20.70 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और उसमें से 20.46 लाख रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। अब रिकवरी रेट 98.8 प्रतिशत रह गया है। संक्रमण दर लगातार घट रही है।

प्रदेश में 13.01 करोड़ लोग अब तक कोरोना से बचाव के लिए टीके की दोनों डोज लगवा चुके हैं। अभी 12 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 16.94 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है और इसमें से 77 प्रतिशत वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं।

अगर कुल आबादी 24 करोड़ के हिसाब से आंकलन किया जाए तो 54.2 प्रतिशत लोगों दोनों डोज लगवाकर कोरोना के खिलाफ अपना सुरक्षा चक्र मजबूत कर चुके हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. अजय घई ने बताया कि टीकाकरण अभियान में यूपी शुरुआत से ही अव्वल चल रहा है। यहां अब तक कुल 16.61 करोड़ लोगों ने टीके की पहली और उसमें से 13.01 करोड़ ने दोनों डोज लगवा ली है।

अब संक्रमण दर 0.03 प्रतिशत है। कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए 80 हजार निगरानी कमेटियों की मदद से बाहर से आ रहे लोगों की निगरानी की जा रही है। मेडिकल टीमों की मदद से कोरोना के लक्षण वाले रोगियों की पहचान कर उनका टेस्ट कराया जा रहा है।

प्रदेश में अब तक 17.35 करोड़ लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। होम आइसोलेशन यानी घर पर रहकर कोरोना का इलाज करा रहे रोगियों की निगरानी रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की मदद से की जा रही है।

टीम-11 को किया था टीम-9
बीते साल कोरोना के गंभीर हालात के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने अधिकारियों और मंत्रियों को लेकर टीम-11 बनाई थी। कोरोना महामारी के दौरान राहत और बचाव कार्यों की प्लानिंग करने के लिए इस टीम ने काफी मेहनत की थी। नई टीम को सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश था कि आम लोगों को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। टीम के जिम्मेदार अफसर संवेदनशीलता और तत्परता के साथ लोगों तक मदद पहुंचाएं।

बाद में योगी सरकार ने टीम-11 को टीम-9 कर दिया था। अब नई सरकार के गठन के बाद से योगी सरकार नए नवरत्नों के साथ कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में जुट गई है।

टीम-9 में कौन-कौन शामिल
टीम-9 में चिकित्सा शिक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री होते हैं। इस बार यह दोनों विभागों की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के पास है। इसके साथ ही यूपी के मुख्य सचिव ,अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा भी शामिल होते हैं। अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस विभाग के मुखिया ,अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज,कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ ही अपर मुख्य सचिव, राजस्व भी सीएम के टीम-9 का हिस्सा होते है।