मुजफ्फरनगर। माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन के स्तर में वृद्धि करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बताया गया कि सरकारी योजनाओं का लाभ छात्र-छात्राओं को किस प्रकार दिया जा सकता है। सभी बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों के 260 प्रधानाचार्यों ने कार्यशाला में भाग लिया।
जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यशाला में डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि विभागीय योजनाओं के संबंध में जागरूकता बढ़ाएं, जिससे अधिक से अधिक पात्र विद्यार्थियों को उनका लाभ मिल सके। प्रत्येक विद्यालय नवाचार को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षण कराए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को विभिन्न आईसीटी टूल्स को अपने दैनिक शिक्षण में एकीकृत करना चाहिए, जिससे प्रत्येक बालक को उनकी क्षमता के अनुरूप आसानी से विकसित किया जा सके। सीडीओ संदीप भागिया ने कहा कि आज के तकनीकी युग में समाज व राष्ट्र के प्रति विद्यालय और शिक्षकों की जिम्मेदारी पहले की अपेक्षा और अधिक हो गई है, अब हमें वैश्विक डिजिटल अंतर को भी कम करने की आवश्यकता है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी विनीत मलिक ने बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का मुख्य उद्देश्य सिविल सेवाओं, एनडीए, इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को निशुल्क कोचिंग प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से वह छात्र जो आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण परीक्षा की कोचिंग नहीं ले पाते है, उन्हें निशुल्क कोचिंग दी जा रही है।
डीआईओएस गजेंद्र कुमार ने परिषदीय परीक्षाओं में जिले के माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति पर चर्चा की। प्रधानाचार्य डॉ. विकास कुमार ने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना और डिजिटल शिक्षक कार्यशाला के बारे में बताया। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी मैत्री रस्तोगी ने अल्पसंख्यक वर्ग के लिए छात्रवृत्ति योजना, जिला विकास अधिकारी प्रमोद यादव ने घर- घर तिरंगा कार्यक्रम के बारे में बताया।
प्रवक्ता विपिन त्यागी ने आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना, जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश गौतम ने सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मिशन शक्ति कार्यक्रम की जानकारी दी। कार्यशाला में प्रधानाचार्य ब्रिजेश कुमार, ललित मोहन गुप्ता, विनय यादव, विजय कुमार शर्मा, सुधीर त्यागी, संत कुमार, जितेंद्र कुमार, मीनाक्षी आर्य, अभिषेक गर्ग आदि सम्मिलित रहे।