सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 3,914 पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसकी दिल्ली के प्रदूषण में 26 फीसदी हिस्सेदारी रही है। हवा की रफ्तार कम होने व उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ रहा है।
सफर के परियोजना निदेशक गुरफान बेग के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाएं 5.5 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही हैं। लेकिन, बृहस्पतिवार की रात से इनकी रफ्तार में कमी होगी और यह अधिक शांत हो जाएगी। इससे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बढ़ेगा। आगामी 13 नवंबर से प्रदूषण से हल्की राहत मिलने के आसार हैं। हालांकि, तब भी हवा बहुत खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर में दर्ज की जाएगी। बीते 24 घंटे में हवा में पीएम 10 का स्तर 387 व पीएम 2.5 का स्तर 237 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। दोनों प्रदूषक बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किए गए हैं।
लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद का देश का सबसे प्रदूषित शहर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, बृहस्पतिवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 411 रहा। इससे एक दिन पहले यह 372 रहा था। वहीं, एनसीआर में गुरुग्राम को छोड़कर सभी शहर गंभीर श्रेणी में दर्ज किए गए हैं। दिवाली के बाद से सबसे खराब हालात गाजियाबाद के बने हुए हैं। बीते 24 घंटे में यहां का एक्यूआई 461 रिकॉर्ड किया गया है। लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है। इसके बाद सबसे गंभीर हालात उत्तरप्रदेश के वृंदावन के रहे। यहां का एक्यूआई 458 रहा।
दिल्ली-एनसीआर के आंकड़े
11 नवंबर 10 नवंबर
दिल्ली 411 372
फरीदाबाद 412 380
गाजियाबाद 461 428
ग्रेटर नोएडा 417 378
गुरुग्राम 378 340
नोएडा 434 374