हिंदू ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में दोष होने पर लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के मुताबिक यदि किसी महिला की कुंडली के दूसरे भाव में दोष होता है तो ऐसी महिला चुगलखोर होती है और अपने ही घर परिवार के निंदा सभी के सामने करते हैं। ऐसी महिलाओं को अपने कुटुंब का सुख नहीं मिलता है। साथ ही परिवार में शांति भी नहीं रहती है।

यदि किसी जातक की कुंडली के दूसरे भाव में दोष होता है तो उसे प्रकृति का प्रकोप भी सहन करना पड़ सकता है। इस भाव में दोष के कारण आपसी संबंध भी खराब होते हैं। मुसीबत के समय में परिवार के लोग भी साथ छोड़ देते हैं।

ज्योतिष के आधार पर इसके दोष को खत्म करने के लिए परिवार और कुटुंब को सम्मान देना जरूरी है। अतिथि को भरपूर आदर सत्कार देने से भी कुंडली के दूसरे भाव का दोष खत्म होता है।

हिंदू ज्योतिष में किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली का दूसरा भाव धन, वित्तीय स्थिरता, परिवार और वाणी से जुड़ा होता है। इस घर में दोष या “दोष” इन क्षेत्रों में विभिन्न चुनौतियों और बाधाओं का संकेत दे सकता है। चूंकि दूसरा भाव परिवार और रिश्तों से भी जुड़ा होता है और इस भाव का दोष इन क्षेत्रों में चुनौतियों का संकेत दे सकता है, जैसे पारिवारिक विवाद, तनावपूर्ण रिश्ते और वैवाहिक समस्याएं।