कोविड महामारी आने के बाद लोगों की हार्ट अटैक होने या हार्ट फेल होने से अचानक मौतों की संख्या बढ़ी है। साथ ही कई अन्य बीमारियों से जवान उम्र में भी मौतें हो रही हैं। यह बेहद रहस्यमयी बात है, लेकिन चिंताजनक यह है कि कोविड की पूरी स्क्रूटनी (जांच) नहीं हो रही है। इसलिए मौत के कारणों का पता नहीं लग पा रहा है।

उन्होंने बताया कि हम लोग आज प्रोसेस फूड खा रहे हैं। प्रोसेस फूड को लाइफ देने के लिए उसमें केमिकल का लगना जरूरी है। कोई भी ऑयल हो वो घातक है, क्योंकि हम लोगों की इतनी फिजिकल एक्टिविटी नहीं रही है जो ऑयल को डायजेस्ट कर सके। मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हूं जहां चाय में इतनी चीनी डाली जाती है कि चम्मच खड़ी हो जाए और सब्जी में इतना घी डाला जाता है कि चम्मच खड़ी हो जाए, लेकिन उन लोगों को बीमारी नहीं होती थी, क्योंकि सारे दिन शारीरिक श्रम करते थे। गांव में जाने के लिए 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। आजकल हमारे किसान कार से खेत पर खड़े होते हैं। किराए की लेबर लेकर काम करते हैं।

मेडिकल कॉलेज जयपुर के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ दीपक माहेश्वरी ने बताया कि इस कांफ्रेंस का मकसद दिल की बीमारियों को होने से पहले रोकना है। आजकल अचानक कार्डियक अटैक हो रहे हैं या जवान लोगों की मौत हो रही हैं। हमारे बहुत सारे डॉक्टर्स भी गए हैं जो हेल्थ केयर करते हुए फील्ड में ही चले गए। जितनी रिस्क कम कर पाएं, उसी की कोशिश की जा रही है।