मेरठ। गन्ना पेराई सत्र समाप्त हो चुका है, चीनी मिले भी बंद हो गई हैं। कई ऐसे चीनी मिल है, जिन पर पिछले सत्र का भी बकाया है। उन पर भी चाबुक नहीं चल पा रही हैं। पिछले दिनों गन्ना मंत्री लक्ष्मीनाराण चौधरी ने दौरा कर अधिकारियों और मिल प्रबंधकों से किसानों का बकाया गन्ना भुगतान कराने की बात कही थी। गन्ना मंत्री के कहने के बाद भी बकाया गन्ना भुगतान नहीं किया जा रहा है।

गन्ना किसानों का करीब 700 करोड़ रुपया अभी भी शुगर मिलों पर बकाया है। जिले में लगभग 2681 करोड़ रुपये से भी अधिक का गन्ना किसानों ने शुगर मिलों पर डाला है। अब तक कुल 1825 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है, जबकि करीब 700 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान बकाया है। किसानों का कहना है कि सरकार अपने वादे के मुताबिक 14 दिन में भुगतान करने का वादा निभाये। गन्ने की पेराई सत्र समाप्त हो चुका है। एक माह से भी अधिक का समय हो चुका है, लेकिन गन्ना किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।

वहीं, गन्ना विभाग के अधिकारियों के अनुसार गन्ना नीति में हुए बदलाव और उनकी निगरानी होने से इस सत्र में गन्ना किसानों के भुगतान में तेजी आई है। दावा है कि इस वित्तीय वर्ष में 65 प्रतिशत किसानों को गन्ने का भुगतान किया जा चुका है। जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि किसानों को उनके बकाया गन्ने का भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिन चीनी मिलों पर गन्ने का भुगतान बकाया है उनसे जल्द भुगतान कराया जाएगा।