कुशीनगर : प्रदेश के 75 में से 45 जिलों में गन्ने की खेती होती है। वर्ष 2021- 22 में 823 क्विंटल है, जबकि 2020-21 में 815 क्विंटल प्रति हेक्टेयर था। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गन्ने का उत्पादन घटा है जबकि सर्वाधिक उपज 1014 प्रति हेक्टेयर शामली जिले की रही। दूसरे स्थान पर 933 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मुजफ्फरनगर व तीसरे स्थान पर 914 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज के साथ मेरठ रहा।
यह गणना फसल की कटाई के आधार पर औसत उपज के आधार पर की गई है। यह बातें उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर के सहायक निदेशक डा. ओमप्रकाश गुप्ता ने कही। वह बभनौली स्थित गेंदा सिंह गन्ना-प्रजनन एवं शोध संस्थान में किसान गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि गन्ने की उत्पादकता एवं चीनी परता बढ़ाने के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए अधिक उपज देने वाली विभिन्न प्रजातियों के गन्ना गन्ना बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। गन्ने की वैज्ञानिक व उन्नत तकनीक की खेती करने के लिए लगभग 15 हजार किसानों को गांवों में विभिन्न प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है।
सह फसली खेती के लिए फोटो दिखाकर किसानों को बताया जा रहा है कि वह अपने आय को बढ़ाने का काम करें। कुशीनगर में गन्ने की औसत उपज 719 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। उपज बढ़ाने के लिए खेती के साथ पशुपालन आवश्यक है, इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। प्रगतिशील किसान पारसनाथ सिंह, हरिगोविंद मिश्र, पीएस शाही आदि मौजूद रहे।