नई दिल्ली। एक ओर जहां धरती पर एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को वापस कवायद जारी है। वहीं, अंतरिक्ष में उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है। खबर है कि विलियम्स को ISS यानी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की कमान सौंपी गई है। खास बात है कि इससे पहले भी वह यह जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। वह साथी एस्ट्रोनॉट बुच विलमोर के साथ 5 जून, 2024 से ही स्पेस स्टेशन पर हैं।

बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी खराबी आने के कारण विलियम्स की यह अंतरिक्ष यात्रा लंबी हो गई थी। कहा जा रहा है कि उनकी वापसी फरवरी 2025 तक टल गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने ऐलान किया है कि रूसी कॉस्मोनॉट ओलेक कोनोनेंको ने स्पेस स्टेशन की कमान विलियम्स को सौंप दी है। इसे लेकर स्पेस स्टेशन पर छोटा कार्यक्रम भी आयोजित हुआ था। अंतरिक्ष में 374 दिन बिताने के बाद वापस रूस के कोनोनेंको और निकोलाइ चुब और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री ट्रेसी सी डायसन धरती पर लौट आए हैं। डायसन 6 महीने अंतरिक्ष में रहीं।

दो रूसी और एक अमेरिकी नागरिक को लेकर सोयूज कैप्सूल सोमवार को कजाकिस्तान में उतरा। इसके साथ ही रूस के दोनों अंतरिक्ष यात्रियों का लंबा प्रवास समाप्त हो गया। आईएसएस से अलग होने के लगभग साढ़े तीन घंटे बाद कैप्सूल कजाकिस्तान के मैदान पर उतरा। धरती पर वापसी के अंतिम चरण में लाल और सफेद पैराशूट के खुलने के साथ यह कैप्सूल लगभग 7.2 मीटर प्रति सेकंड की गति से उतरा।

सुनीता विलियम्स ने दूसरी बार संभाली कमान
इससे पहले करीब 12 साल पहले यानी 2012 में एक्सपीडीशन 33 के दौरान विलियम्स ने स्पेस स्टेशन की कमान संभाली थी। स्पेस स्टेशन की कप्तान होने के नाते भारतवंशी अंतरिक्ष यात्री के पास कई अहम ऑपरेशन और साइंटिफिक रिसर्च का काम संभालेंगी। कार्यक्रम के दौरान विलियम्स ने कहा, ‘एक्सपीडीशन 71 ने हमें काफी कुछ सिखाया है…। आपने मुझे और बुच को अपनाया। जबकि, यह प्लान का हिस्सा भी नहीं था। आपने परिवार की तरह हमारा स्वागत किया।’