नई दिल्ली. इस हफ़्ते बुधवार को प्रधानमंत्री पंजाब के फ़िरोज़पुर में एक रैली को संबोधित करने गए थे लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रखी थी. प्रधानमंत्री का काफ़िला हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर पहले एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फँसा रहा था. शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हीमा कोहली की बेंच ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम मोदी के दौरे का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के लिए कहा है.
इस मामले में अदालत ने पंजाब पुलिस, एसपीजी और अन्य एजेंसियों को सभी ज़रूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है. सुप्रीम ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर एक याचिका पर सुनवाई में यह निर्देश दिया है. याचिका में पीएम की सुरक्षा में कथित चूक मामले में न्यायिक जांच की मांग की गई है. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में सुनवाई के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक में सीमा पार आतंकवाद का एंगल भी जोड़ा.
कोर्ट ने पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सभी सबूत जुटाने का निर्देश दिया है. अदालत ने इस मामले में केंद्र और पंजाब दोनों को जांच में सहयोग देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट में वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और यह संसदीय दायरे में आता है. उन्होंने कहा कि इस मामले की पेशवर तरीक़े से जांच होनी चाहिए.सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से बनाई गई जांच समितियों से कहा है कि वे सोमवार से पहले अपना काम शुरू ना करें. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे पीएम के पंजाब दौरे में सुरक्षा इंतज़ाम का रिकॉर्ड पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंप दें.
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस वाक़ये से प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वो बुधवार को पीएम की सुरक्षा इंतज़ाम के रिकॉर्ड को देखे. मेहता ने कहा कि पंजाब की सरकार और वहां की पुलिस सुरक्षा में चूक के लिए ज़िम्मेदार हैं. मेहता ने कहा कि पंजाब के डीजी की सुरक्षा मंज़ूरी के बाद ही प्रधानमंत्री का काफ़िला रवाना हुआ था. उन्होंने कहा कि वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि वहां स्थानीय पुलिस पहले से मौजूद थी लेकिन विरोध-प्रदर्शन की सूचना नहीं दी गई. मेहता ने कहा कि कुछ भी अनहोनी हो सकती थी और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए शर्मनाक होता.
तुषार मेहता ने कहा, ”इस वाक़ये का वीडियो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फोर जस्टिस ने अपलोड किया है. इसमें सीमा पार आतंकवाद की भी भूमिका हो सकती है. इस मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता.”अदालत में पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने कहा कि राज्य सरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच चाहती है और इसे वो हल्के में नहीं ले रहे हैं. पटवालिया ने कहा कि पूरे मामले में कहीं न कहीं चूक हुई है और राज्य सरकार इसे लेकर गंभीर है. पटवालिया ने कहा कि इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जांच के लिए किसी को भी नियुक्त कर सकता है और पंजाब सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है.
पूरे मामले पर बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था, ”ख़राब मौसम के कारण बठिंडा एयरपोर्ट से पीएम का काफ़िला सड़क मार्ग से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना हुआ था. शहीद स्मारक से क़रीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री मोदी का काफ़िला एक फ्लाइओवर पर पहुँचा तो पता चला कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रखी है. प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फँसे रहे. यह पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक थी.”
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, पहले प्रधानमंत्री बठिंडा एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर के ज़रिए हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने वाले थे लेकिन ख़राब मौसम के कारण पीएम का काफ़िला सड़क मार्ग से ही रवाना हुआ था. गृह मंत्रालय ने ये भी कहा था कि पंजाब के डीजीपी ने सड़क मार्ग से जाने के लिए सुरक्षा मंज़री दी थी.पांच जनवरी को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पूरे मामले पर प्रेस के सामने आए थे. चन्नी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा था, ”सड़क जाम होने के कारण प्रधानमंत्री के वापस लौटने पर मुझे खेद है. कुछ लोग वहां अचानक से विरोध-प्रदर्शन करने चले गए थे. इसमें कोई साज़िश जैसी बात है तो पूरे मामले की जाँच कराएंगे. मैं तो प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए तैयार था.”
पंजाब की सरकार पर अपनी पार्टी के नेता इस मामले में सवाल उठाने लगे थे. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ट्वीट कर कहा था, ”आज जो कुछ भी हुआ, वो स्वीकार्य नहीं है. यह पंजाबियत के ख़िलाफ़ है. फ़िरोज़पुर में भारत के प्रधानमंत्री एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने वाले थे और इसके लिए सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित होना चाहिए था. लोकतंत्र इसी तरह से काम करता है.”
सुनील जाखड़ का यह रुख़ पार्टी के आधिकारिक बयान से अलग था. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि प्रधानमंत्री फ़िरोज़पुर में भीड़ नहीं जुटने के कारण रैलीको संबोधित करने नहीं गए.वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधा था.कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”यह पंजाब की क़ानून-व्यवस्था की पूरी तरह से नाकामी है. ख़ासकर मुख्यमंत्री और पंजाब के गृह मंत्री की नाकामी है. जब आप देश के प्रधानमंत्री को सुरक्षित रास्ता नहीं दे सकते हैं, वो भी वहां, जहाँ से महज़ 10 किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान की सीमा लगती है. सत्ता में बने रहने का आपका कोई अधिकार नहीं है.आपको सत्ता छोड़ देनी चाहिए.”