लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी कैबिनेट के साथ-साथ भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल को त्यागपत्र सौंपने के तुरंत बाद अखिलेश यादव संग उनकी एक तस्वीर आई, जिसमें सपा प्रमुख ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की पुष्टि की. स्वामी प्रसाद मौर्य योगी सरकार में श्रम मंत्री थे. सपा में शामिल होते ही उन्होंने इशारा कर दिया कि भाजपा में बड़ी भगदड़ मचने वाली है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अभी खेला शुरू हुआ है. 1-2 दिन में खेल का परिणाम आयेगा.

भाजपा से नाता तोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा भाजपा द्वारा उपेक्षा के कारण फैसला लेना पड़ा. मुझे कोई पछतावा नहीं है. सुबह ही मैं दिनेश शर्मा और बंसल जी से मिला. 1-2 दिन की अंदर इंतजार करिए. अभी तो खेला शुरू हुआ है, एक-दो दिन में खेल का परिणाम आएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रिमंडल मे तमाम बंदिशें थी, खुलकर काम नहीं करने दे रहे थे, हालांकि मेरे साथ ऐसी बात नहीं थी. उन्होंने कहा कि अफसरशाही की गलती नहीं होती है. ये लोग सीएम के इशारे पर काम करते हैं. नेता के नीति और नियम तय करते हैं कि अधिकारी कैसे काम करते हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद माना जा रहा है कि भाजपा को कई और बड़े झटके लग सकते हैं. सूत्रों की मानें तो आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत 4 विधायक भी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं. सूत्रों की मानें तो कानपुर देहात से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर को स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर देखा गया है. ऐसे में अटकलें लगाईं जा रही हैं कि वह भी स्वामी प्रसाद मौर्य की राह अपना सकते हैं. साथ ही मंत्री दारा सिंह चौहान भी भाजपा छोड़ सकते हैं. इतना ही नहीं, तिलहर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा भी सपा में जा सकते हैं. शाहजहांपुर के तिलहर से बीजेपी विधायक रोशन लाल खुद स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा लेकर राजभवन पहुंचे थे. उन्होंने मौर्य की चिट्ठी दिखाते हुए कहा, ‘स्वामी जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था, इसलिए नहीं आए. हम इसके बाद इस्तीफा देंगे.

इधर, अखिलेश यादव से मिलकर स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल हुए. खुद अखिलेश यादव ने इसका जानकारी दी. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ तस्वीर शेयर कर लिखा- ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा- बाइस में बदलाव होगा’.

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्र में लिखा, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं.’
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2017 में भाजपा का दामन थामा था और पडरौना सीट से विधायक बने थे. वह पडरौना सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं. भाजपा में आने से पहले वह बसपा से विधायक रह चुके थे.