नए साल में आपका मोबाइल खर्च बढ़ सकता है। टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर टैरिफ बढ़ा सकती हैं। इस साल ये कंपनियां टैरिफ में 20-25 फीसदी वृद्धि कर चुकी हैं। 2022 में टेलीकॉम कंपनियों को 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगानी होगी। इस पर बड़ी रकम खर्च होने की उम्मीद है। इससे कंपनियां टैरिफ बढ़ाने को मजबूर हो सकती हैं।
2022 में देश में 5जी सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है। 5जी सेवाओं से टेलीकॉम कंपनियों को अतिरिक्त रेवेन्यू कमाने में मदद मिलेगी। लेकिन, इसके लिए उन्हें काफी पैसा खर्च करना होगा। विश्लेषकों का कहना है कि भारत दुनिया में सबसे सस्ता मोबाइल डाटा प्लान वाले देशों में शामिल है। माना जा रही है कि कंपनियां अगले साल के आखिर में टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती हैं।
टेलीकॉम कंपनियों पर पहले से ही कर्ज का बड़ा बोझ है। इक्रा को उम्मीद है कि अगले साल 31 मार्च तक टेलीकॉम इंडस्ट्री पर कर्ज का करीब 4.7 लाख करोड़ का बोझ होगा। मार्च 2023 तक इसके थोड़ा घटकर 4.5 लाख करोड़ पर आ जाने की उम्मीद है। टेलीकॉम कंपनियां सरकार से 5जी स्पेक्ट्र्म की कीमतें तर्कसंगत रखने की मांग कर रही हैं।
फिच रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर (कॉर्पोरेट्स) नितिन सोनी ने कहा, “हाल में टैरिफ में की गई वृद्धि इंडस्ट्री के लिए पॉजिटिव रही है। एयरटेल और जियो के पास पर्याप्त कैश है, जबकि हाल की वृद्धि वोडाफोन आइडिया के लिए पर्याप्त नहीं है।” उन्होंने अगले 12 महीने में टेलीकॉम कंपनियों के एक बार फिर टैरिफ में वृद्धि करने की उम्मीद जताई।