मेरठ के समस्त उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसीलवार मोबाइल स्क्वायड टीम गठन किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और कृषि अनुभाग-2 के परिपालन में प्रत्येक तहसील स्तर पर फसल अवशेष न जलाए जाने के उददेश्य से इस मोबाइल स्क्वायड का गठन किया गया है। फसल अवशेष जलाते हुए पाए जाने पर नियमानुसार दण्डित करने की कार्रवाई करने एवं अवशेष जलाए जाने की स्थिति में किसी प्रकार की वसूली निर्धारित होती है,तो ऐसी स्थिति में समस्त नायब तहसीलदार/तहसीलदार के द्वारा प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। जनपद में तहसीलवार मोबाइल स्क्वायड कागठन किया जाना है।
उन्होंने बताया कि तहसील सदर के विकास खंड जानी/खरखौदा/मेरठ/रजपुरा/रोहटा में उपजिलाधिकारी सदर पर्यवेक्षक अधिकारी/अध्यक्ष तथा ग्राम्य विकास से संबंधित खंड विकास अधिकारी, राजस्व विभाग से तहसीलदार सदर, कृषि विभाग से जिला कृषि अधिकारी, गन्ना विभाग से जिला गन्ना अधिकारी, पुलिस विभाग से संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष सदस्य, तहसील सरधना के विकास खंड दौराला/सरधना/सरूरपुर में उपजिलाधिकारी सरधना पर्यवेक्षक अधिकारी/अध्यक्ष तथा ग्राम्य विकास से संबंधित खंड विकास अधिकारी, राजस्व विभाग से तहसीलदार सरधना, कृषि विभाग से कृषि रक्षा अधिकारी, गन्ना विभाग से जिला गन्ना अधिकारी, पुलिस विभाग से संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष सदस्य तथा तहसील मवाना के विकास खंड हस्तिनापुर/माछरा/मवाना/ परीक्षितगढ में उपजिलाधिकारी मवाना पर्यवेक्षक अधिकारी/अध्यक्ष तथा ग्राम्य विकास से संबंधित खंड विकास अधिकारी, राजस्व विभाग से तहसीलदार मवाना, कृषि विभाग से भूमि संरक्षण अधिकारी, गन्ना विभाग से जिला गन्ना अधिकारी, पुलिस विभाग से संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष सदस्य होंगे।
उन्होंने बताया कि फसल अवशेष को जलाए जाने से रोकने के लिये विभागवार कार्रवाई संपन्न कराई जाएगी। कृषि विभाग द्वारा फसल कटाई से पूर्व प्रत्येक न्याय पंचायत,ब्लाक स्तर,तहसील स्तर,जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठियों एवं मेला के आयोजन करते हुए फसल अवशेष प्रबंधन योजना का प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करें एवं न्याय पंचायतवार कृषकों के व्हाटसप पर फसल अवशेष प्रबंधन के विषय में कृषकों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जिला गन्ना अधिकारी अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं गन्ना समितियों तथा चीनी मिलों के साथ इस संबंध में बैठक कर गन्ने की पाती जलाने एवं अर्थदण्ड तथा पराली के खेत में ही प्रबंधन के लाभ को अवगत कराने के साथ साथ गन्ना समितियों एवं चीनी मिलों के माध्यम से वेस्ट डिकम्पोजर का वितरण भी कराया जाये।