मेरठ| चार जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान इस बार सुरक्षा व्यवस्था के लिए कांवड़ मार्ग पर पुलिस, पीएसी, आरएएफ के साथ कमांडो दस्ते भी तैनात किए जाएंगे। यात्रा की सीसीटीवी कैमरों और हेलिकॉप्टर से निगरानी होगी। इसके अलावा बारह फीट से ऊंची कांवड़, भाला व त्रिशूल ले जाने पर रोक रहेगी।

ये बातें सोमवार को कमिश्नर सभागार में कांवड यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और डीजीपी विजय कुमार की चार राज्यों, दो मंडलों, तीन जोन और पांच रेंज के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई समन्वय बैठक मेें निर्धारित की गईं। तय हुआ कि व्हाट्सएप ग्रुप व सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जाने वाली अफवाहों पर भी पैनी नजर रखी जाएगी।

प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि उत्तराखंड से समन्वय बनाकर चार जुलाई के बाद ही रूट डायवर्जन कराया जाएगा। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कांवड़ मार्ग पर रूट डायवर्जन से आम जनता को परेशानी न हो। कांवड़ियों का जत्था कहां तक पहुंचा, इसके लिए यूपी व उत्तराखंड में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।

प्रमुख सचिव ने कहा कि कांवड़ियों के प्रति अच्छा व्यवहार रखा जाए। कांवड़ शिविर व भंडारे को स्वीकृति के संबंध में कांवड़ संघों से वार्ता और चिकित्सा शिविरों में एंटीवेनम और एंटी रेबीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

महिला कांवड़ियों के लिए शौचालय और स्नानागार की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। गंगनहर के स्नान घाटों पर बैरिकेडिंग लगाई जाए।

कांवड़ यात्रा पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री रहेगी। सिंगल यूज प्लास्टिक के अलावा थर्माकोल पर भी प्रतिबंध रहेगा। कांवड़ मार्ग पर वाहनों की आवाजाही न हो तथा डीजे की आवाज को संयमित रखने के लिए शिविर संचालकों एवं कावंड़ियों को जागरूक किया जाए। डीजे पर अशोभनीय गाना न बजे, इसकी भी निगरानी की जाएगी।

कांवड़ यात्रा पर आतंकी इनपुट को देखते हुए पुलिस-प्रशासन अफसरों ने स्पेशल दस्ता बनाया है। जिनको ट्रेनिंग दी जा रही है। अग्निशमन, दंगा निरोधक उपकरण, बम डिस्पोजल स्कवायड़ को सक्रिय किया है। संवेदनशील-अतिसंवेदनशील के अलावा अचानक होने वाली दुर्घटना को लेकर माहौल खराब होने पर पैनी नजर रहेगी। उन गांवों पर भी नजर रहेगी जहां, सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश होती है। मीट की दुकानें भी बंद रहेंगी।