नई दिल्ली. मंगल ग्रह पर एलियन कैसे खत्म हो गए, इसको लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा दावा किया है. नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने कहा कि एलियन की वजह से जलवायु में परिवर्तन हुआ जिसकी वजह से मंगल ग्रह पर जीवन खत्म हो गया. जलवायु परिवर्तन के कारण मंगल ग्रह पर तापमान काफी गिर गया और यहां जीवन खत्म हो गया. नेचर एस्ट्रोनॉमी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरबों साल पहले मंगल का वातावरण पृथ्वी की तरह था. वहां जीवन था लेकिन एलियन के का वातावरण में बदलाव हुआ और वहां जीवन खत्म हो गया.

वैज्ञानिकों ने दावा किया कि मंगल ग्रह पर एलियन ने वातावरण में परिवर्तन कर अनजाने में खुद को मिटा लिया. स्टडी में पाया गया कि पृथ्वी पर जीवन के पनपने का कारण और मंगल ग्रह पर समाप्त हो जाने की वजह दो ग्रहों की गैस संरचना और सूर्य से उनकी दूरी में अंतर है.

हालांकि, चूंकि प्राचीन रोगाणुओं ने हाइड्रोजन को कंज्यूम किया और मीथेन का उत्पादन किया. उन्होंने धीरे-धीरे अपने ग्रह के हीट ट्रैपिंग सिस्टम को खत्म कर दिया, जिसने समय के साथ मंगल को इतना ठंडा कर दिया कि वह निर्जन हो गया.

स्टडी के मुताबिक, जब जीव फल-फूल रहे थे, मंगल का औसत तापमान 10 से 20 डिग्री सेल्सियस रहा होगा, लेकिन जैसे-जैसे रोगाणुओं की संख्या बढ़ती गई, तापमान शून्य से माइनस 57 डिग्री सेल्सियस के आसपास गिर गया, जिससे उन्हें ग्रह की गर्म परत में गहराई से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.

एक खगोल जीवविज्ञानी और स्टडी का नेतृत्व करने वाले बोरिस ने कहा कि जीवन के तत्व ब्रह्मांड में हर जगह हैं. तो यह संभव है कि ब्रह्मांड में जीवन नियमित रूप से प्रकट होता है। लेकिन ग्रह की सतह पर रहने योग्य परिस्थितियों को बनाए रखने में सक्षण ना होना जीवन को बहुत तेजी से विलुप्त कर देती है.