नई दिल्ली, बैंकों की शाखाओं में रखे लॉकरों में चोरी-डकैती, फ्राड या प्राकृतिक आपदाओं से ग्राहकों को होने वाले नुकसान की भरपाई को लेकर आरबीआइ ने बुधवार को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अगर भूकंप, बाढ़ और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से लॉकर को नुकसान होता है तो उससे होने वाली हानि की जिम्मेदारी बैंक पर नहीं डाली जा सकती है। हालांकि बैंक को इससे अपनी शाखा में स्थित लॉकर को बचाने की पूरी व्यवस्था करनी होगी।
अगर बैंक कर्मचारी की किसी गलती या धोखाधड़ी, चोरी-डकैती, भवन गिरने व आग लग जाने जैसी परिस्थितियों से लॉकर को नुकसान होता है तो बैंक अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता। इन वजहों से ग्राहकों को जो नुकसान होता है, बैंकों को उसकी भरपाई करनी ही होगी। यह भरपाई उस लॉकर के सालाना किराए का अधिकतम सौ गुना होगी। यानी, अगर किसी लॉकर का सालाना किराया 10,000 रुपये है, तो प्राकृतिक आपदा को छोड़कर अन्य वजहों से लॉकर नष्ट होने की स्थिति में बैंक को अधिकतम 10 लाख रुपये तक का भुगतान उस ग्राहक को करना पड़ेगा।