मेरठ. गाजियाबाद 82 किलोमीटर लंबे देश के पहले दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्राजिट सिस्टम) कारिडोर पर सबसे लंबे स्टील स्पैन को मेरठ तिराहे पर स्थापित करने का काम बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की टीम ने पूरा कर लिया है।

82 किलोमीटर लंबे देश के पहले दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्राजिट सिस्टम) कारिडोर पर सबसे लंबे स्टील स्पैन को मेरठ तिराहे पर स्थापित करने का काम बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की टीम ने पूरा कर लिया है। 3200 टन वजनी और 150 मीटर लंबे इस स्पैन को जमीन से 25 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। इसमें आठ समानांतर गर्डर लगे हैं और जल्द ही इस पर ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू होगा। इस स्पैन की मदद से एनसीआरटीसी ने साहिबाबाद की ओर से आ रहे वायडक्ट को रैपिड ट्रेन के निर्माणाधीन गाजियाबाद स्टेशन से जोड़ने का कार्य किया है।

स्पैन के स्थापित होने से साहिबाबाद स्टेशन और गाजियाबाद स्टेशन के बीच वायडक्ट पूरी तरह से तैयार हो गया है। यह स्टील स्पैन साहिबाबाद से दुहाई तक के 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड का हिस्सा है, जिसे वर्ष 2023 तक परिचालित करने का लक्ष्य है। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि स्टील स्पैन की स्थापना सभी सुरक्षा उपायों के साथ की गई है। चूंकि यह भारी-भरकम इस्पात संरचना होती है, इसलिए इसकी स्थापना क्रेन से टेंडम लिफ्टिग के जरिए की गई है। लंबे स्टील स्पैन की जरूरत क्यों: आरआरटीएस कारिडोर के एलिवेटेड वायडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर 34 मीटर की दूरी पर पिलर खड़ा करता है। इन पिलर्स को आरआरटीएस वायडक्ट स्पैन बनाने के लिए प्री-कास्ट सेगमेंट से जोड़ा जाता है।

जटिल क्षेत्रों में जहां कारिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रासिग, मेट्रो कारिडोर, एक्सप्रेस-वे या ऐसे अन्य मौजूदा बुनियादी ढांचे को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना संभव नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए स्टील स्पैन का उपयोग किया जा रहा है। पहले स्ट्रक्चरल स्टील के सेगमेंटस को कारखाने में बनाया जाता है, फिर साइट पर लाकर इन सेगमेंटस को स्टील स्पैन के रूप में असेंबल किया जाता है। दुहाई पहुंच चुके हैं रैपिड ट्रेन के कोच: वर्ष 2023 में दुहाई से साहिबाबाद के बीच और 2025 में मेरठ से सराय काले खां के बीच रैपिड ट्रेन का परिचालन होना है। देश की पहली रैपिड ट्रेन के कोच दुहाई डिपा में पहुंच गए हैं, उनको जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही ट्रेन का ट्रायल शुरू किया जाएगा। रैपिड ट्रेन के संचालन से रोजाना हजारों लोगों को राहत मिलेगी।