मैनपुरी : प्रदेश के नौ सीटों पर उपचुनाव के साथ करहल सीट पर सियासी पारा चढ़ गया है। इस सीट पर अखिलेश यादव ने तेज प्रताप को अपना वारिश यानी सपा प्रत्याशी बनाया है। बताया जा रहा है कि भाजपा यादव और शाक्य चेहरे पर अटकी है।

उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का बिगुल मंगलवार को बज ही गया। ऐसे में मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। यहां सपा और भाजपा आमने-सामने होगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद ये सीट खाली हो गई थी। मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा तारीखों के एलान के बाद दलों में हलचल तेज हो गई है।

करहल सीट पर लंबे समय से सपा की बादशाहत कायम है। ये वही सीट जहां से पहली बार 2022 में अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने करहल से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही यहां चुनाव का इंतजार था।

भाजपा ने इसके लिए एक महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों ने इस बीच करहल का दौरा किया। हालांकि अब तक भाजपा का प्रत्याशी घोषित नहीं हो सका है।

वहीं बीते सप्ताह सपा ने भी पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव को करहल से प्रत्याशी घोषित कर दिया था। इसी बीच मंगलवार को चुनाव आयोग ने उप चुनाव की तारीखों का एलान भी कर दिया। करहल सीट पर 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना। 18 अक्तूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
तारीखों के एलान के बाद राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। सपा और भाजपा के साथ ही बसपा में भी उप चुनाव के लिए तैयारी चल रही है। बसपा भी इस बार उप चुनाव में प्रत्याशी उतारने का दावा कर रही है। ऐसे में अब भाजपा और बसपा के प्रत्याशियों के नाम घोषित होने का इंतजार है।

करहल उप चुनाव के लिए भाजपा और बसपा की जिला कार्यकारिणी अपना काम पूरा कर चुकी है। बैठकों और लंबी रणनीति के बाद तीन-तीन प्रत्याशियों के नाम दोनों ही दलों ने शीर्ष नेतृत्व को भेजे हैं। इन्हीं में से एक नाम फाइनल किया जाना है। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने जिले के ही एक यादव नेता के साथ ही शाक्य समाज से आने वाली पूर्व महिला सांसद व एक अन्य महिला का नाम प्रस्तावित किया है। यादव नेता और पूर्व महिला सांसद की दावेदारी यहां प्रबल मानी जा रही है।