मेरठ में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में दोस्त के बर्थ डे का केक काटने के बाद 12 एमबीबीएस छात्र तीन कारों में सवार होकर निकले तो रास्ते में बेकाबू रफ्तार ने दो की जान ले ली। जिस होंडा सिटी में अक्षांश, दिव्यांश, आदिश और आशीष सवार थे वह साकेत पेट्रोल पंप के सामने बेकाबू हो गई। पुलिस के मुताबिक कार गलत दिशा में चल रही थी और रफ्तार भी 150 रही होगी। पुलिस ने पेट्रोल पंप से सीसीटीवी फुटेज ली है। फोरेंसिक टीम ने भी जांच की है।

रात करीब 12 बजे पहले सभी ने सहपाठी हर्ष का बर्थ डे केक काटा और फिर एनएच-58 पर खाने के लिए तीन कारों में सवार होकर निकल पड़े। जेल चुंगी से कमिश्नर आवास के बीच सन्नाटा पसरा था। पुलिस के मुताबिक कार आशीष चला रहे थे और आगे की सीट पर ही दिव्यांश बैठे थे। अचानक कार बेकाबू हो गई और स्ट्रीट लाइट के दो खंभो में टकराते हुए पेट्रोल पंप की दीवार में घुस गई। पीछे दो कारों में आ रहे सहपाठियों ने हादसा देख पुलिस को फोन किया। पुलिस ने चारों को कार से निकाला और अस्पताल ले गई, लेकिन तब तक अक्षांश और दिव्यांश दम तोड़ चुके थे।

पेट्रोल पंप से टकरा जाती कार तो होता बड़ा हादसा 
क्षतिग्रस्त कार देखने के लिए दिनभर घटनास्थल पर लोगों का तांता लगा रहा। पुलिस ने बताया कि जांच के बाद गाड़ी को थाने लाया जाएगा। पेट्रोल पंप कर्मचारी बता रहे थे कि गनीमत रही कि गाड़ी पंप से नहीं टकराई, अन्यथा और भी बड़ा हादसा हो सकता था।

पुलिस का कहना है कि गाड़ी की स्पीड ज्यादा होने के चलते वह कंट्रोल नहीं हुई और फिर पेट्रोल पंप में घुस गई। दूसरे खंभे में टकराने के बाद गाड़ी घूमती हुई पेट्रोल पंप की चाहरदीवारी में जा घुसी। बताया है कि गाड़ी का पहले पिछला हिस्सा लगा और फिर आगे से दीवार में घुसी, जिसमें गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। फोरेंसिक टीम ने बताया कि गाड़ी चला रहे आशीष ने सीट बेल्ट लगा रखी थी।

गलत दिशा में चल रही थी होंडा सिटी
एमबीबीएस के एक छात्र ने बताया कि होंडा सिटी में पेट्रोल कम था। पेट्रोल पंप पर जाने के लिए विपरीत दिशा में जाना पड़ा। तभी गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और हादसा हो गया। उधर पुलिस का भी दावा है कि गाड़ी विपरीत दिशा में थी। वहीं दिव्यांश के पिता डॉ. रामानंद का कहना है कि वह वापस मेडिकल की तरफ जा रहे थे इसी दौरान उनकी गाड़ी में पीछे से दूसरी गाड़ी ने टक्कर मारी जिसकी वजह से होंडा सिटी का संतुलन बिगड़ा और हादसा हो गया। जबकि एसपी सिटी ने बताया कि कोई दूसरी गाड़ी फुटेज में नहीं दिखी।

कंकरखेड़ा में दिव्यांश आनंद का अंतिम संस्कार, रो पड़ा रामनगर
एमबीबीएस छात्र दिव्यांश आनंद की मौत की जानकारी  मिलते ही कंकरखेड़ा की रामनगर कॉलोनी में मातम छा गया। शाम को दिव्यांश का अंतिम संस्कार कंकरखेड़ा स्थित श्मशान घाट में हुआ। मुखाग्नि तहेरे भाई कुमार आनंद ने दी। अंतिम संस्कार में न्यायिक मजिस्ट्रेट, डॉक्टर, शिक्षक, एमबीबीएस के छात्र और लिसाड़ी के ग्रामीणों समेत बड़ी  संख्या में लोग मौजूद थे। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। दिव्यांश पिता डॉ. रामानंद और मां मंजू कई बार बेहोश हुए।

दिव्यांश आनंद का पैतृक गांव लिसाड़ी है। दिव्यांश के पिता रामनंद आनंद सहारनपुर में वरिष्ठ चिकित्सक हैं। रामनंद के चार भाई परमानंद, शिवानंद, अरुण व नरेंद्र कंकरखेड़ा की रामनगर कॉलोनी गली-1 में रहते हैं। 

दिव्यांश का बडी बहन सविता और छोटा भाई आकर्ष है। मां मंजू रानी सहारनपुर में चिपयाना रोड स्थित इंटर कॉलेज में शिक्षिका हैं। चाचा शिवानंद कानपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट और अरुण कुमार परीक्षितगढ़ के खजूरी गांव में इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं।

दिव्यांश की मौत का पता चलते ही परिवार और रिश्तेदार पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच गए। परिवार का रो-रोकर बुरा है। रामनगर कॉलोनी के लोगों की आंखें भी नम हो गई।

लिसाड़ी के दिव्यांश का पहले प्रयास में ही हुआ था एमबीबीएस में प्रवेश  
सड़क हादसे में मारे गए मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र दिव्यांश होनहार थे। पहले प्रयास में ही उनका एमबीबीएस में प्रवेश हुआ था। दिव्यांश के पिता रामानंद एसबीडी जिला अस्पताल में वरिष्ठ नेत्र सर्जन हैं और मां अंजू एचएवी इंटर कॉलेज में शिक्षिका हैं।  

बेटे मौत की सूचना मिलने पर परिजन मेरठ पहुंच गए। हादसे से चिकित्सा विभाग में शोक है। जिला चिकित्सालय में बुधवार को ओपीडी स्थगित कर दी गई। डॉ. रामानंद मूल रूप से मेरठ के लिसाड़ी गेट निवासी हैं और मां रिठानी की रहने वाली हैं। सहारनपुर में वह आईटीसी रोड स्थित अशोक विहार में रहते हैं।